- सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को देशभर में पराक्रम दिवस के रूप में मना रही है सरकार
- सुभाष चंद्र बोस की बहादुरी के कई किस्से हैं मशहूर
- सुभाष चंद्र बोस जब वियना में थे तो उसी दौरान उनकी जिदंगी में आई थी एमिली
नई दिल्ली: भारत की स्वतंत्रता के लिए आज़ाद हिंद फ़ौज का नेतृत्व करने वाले सुभाष चंद्र बोस की आज 125वीं जयंती है। भारत सरकार सुभाष चंद्र बोस की जयंती यानि 23 जनवरी को ‘‘पराक्रम दिवस’’ के रूप में मना रही है और देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। खून के बदले आजादी देने का वादा करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम आजादी के लिए किए आंदोलन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा है। नेताजी जी की वीरता के तो कई किस्से मशहूर हैं लेकिन उनकी मौत के रहस्य को लेकर राजनीतिक हलकों में समय-समय पर बहस छिड़ती रही है।
रोचक है लव स्टोरी
नेताजी की लव स्टोरी भी किसी फिल्मी कहानी से रोचक नहीं है। 1934 में जब वह यूरोपीय प्रकाशन में किताब लिखने लगे और इस दौरान उन्हें एक सहयोगी की जरूरत हुई। इसके बाद दो लोगों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जिसमें से पहले शख्स का चयन नहीं हो पाया और जो दूसरी उम्मीदवार थी उसका नाम था एमिली शेंकल, जिनकी उम्र उस समय 23 साल की थी। ऑस्ट्रिया की रहने वाली एमिली बेहद खूबसूरत थी और उसने सुभाष चंद्र बोस के साथ काम करना शुरू कर दिया।उस समय नेताजी की उम्र 37 साल थी। एमिली के साथ काम करके नेताजी को भी पता नहीं चला कि कब उनकी लाइफ में प्यार की एंट्री हो चुकी है।
गहराता गया रिश्ता
'बीबीसी' की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान जब नेताजी के घरवालों ने उन्हें शादी के लिए कई रिश्ते बताए तो वो मना करते गए लेकिन दूसरी तरफ एमिली के साथ उनका रिश्ता गहराता जा रहा था और वो धीरे-धीरे एक दूसरे से प्यार करने लगे थे। इसके बाद दोनों जब कभी एक दूसरे को खत भेजते थे सरनेम से संबोधित करते थे। नेताजी का एक पत्र जो बीबीसी के पास उसमें वो एमिली को बड़े ही रोमांटिक अंदाज में लिखते हैं।
इस तरह लिखते थे पत्र
इस पत्र में नेताजी लिखते हैं, 'माय डार्लिंग, समय आने पर बर्फ के पहाड़ भी पिघल जाते हैं और ऐसा ही भाव मेरे अंदर भी है। मैं तुमसे कितना प्रेम करता हूं, ये बताने के लिए कुछ लिखने से खुद को रोक नहीं पा रहा हूं। जैसा कि हम एक-दूसरे को आपस में कहते हैं, माय डार्लिंग, तुम मेरे दिल की रानी हो। लेकिन क्या तुम मुझसे प्यार करती हो। मुझे नहीं मालूम आगे कैसा होने वाला है। हो सकता है पूरा जीवन जेल में बिताना पड़े, मुझे गोली मार दी जाए या मुझे फांसी पर लटका दिया जाए.... लेकिन तुम हमेशा मेरे दिल में रहोगी, मेरी सोच और मेरे सपनों में रहोगी। अगर हम इस जीवन में नहीं मिले तो अगले जीवन में मैं तुम्हारे साथ रहूंगा।'
महज तीन साल ही चली थी शादी
कहा जाता है कि दोनों ने दूसरी मुलाकात के बाद दोनों ने शादी कर ली थी जो ऑस्ट्रिया में हुई थी। अपनी शादी को दोनों ने गोपनीय रखा था। दोनों की एक बेटी भी थी जिसका नाम अनीता रखा गया था। दोनों की शादी महज तीन साल ही ये शादी चल सकी क्योंकि इसके बाद सुभाष चंद्र बोस जिस मिशन पर निकले वहां से कभी लौट कर नहीं आ सके। वहीं उनकी पत्नी एमिली चंद्र बोस 1996 तक जिंदा रही।