- पंजाब का मुद्दा नेशनल सिक्योरिटी का चैप्टर है
- पंजाब के मौजूदा राजनैतिक हालात पर पाकिस्तान भी बनाए हुए है नजर
- पंजाब में 553 किलोमीटर का इंटरनेशनल बॉर्डर है, 6 जिले हैं बॉर्डर से जुड़े
नई दिल्ली: पाठशाला में आज सियासत नहीं, देश की सुरक्षा पर बात होगी और पंजाब में खतरे का 40 साल पुराना चैप्टर खुलेगा। बात कैप्टन, सिद्धू, चन्नी की नहीं, बात देश की है। सबको पावर की पड़ी है, किसको पंजाब की पड़ी है? इसके अलावा पाठशाला में हर साल 70 लाख जान लेने वाले प्रदूषण का चैप्टर पर भी आपको विस्तार से जानकारी मिलेगी।
लेकिन सबसे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली दौरे के बाद चंडीगढ़ पहुंचने पर जो छह बड़ी बातें कहीं है, वो आपको बताते हैं-
1-बीजेपी में नहीं जा रहा, लेकिन कांग्रेस में नहीं रहूंगा
2-नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के लिए ठीक आदमी नहीं हैं
3- सिद्धू जहां से भी चुनाव लड़ेंगे, उन्हें जीतने नहीं दूंगा
4-सिद्धू ने पंजाब के जो हालात बनाए हैं, वो पहले नहीं देखे
5-कांग्रेस के कितने विधायक संपर्क में हैं, ये नहीं बताउंगा
6-अजीत डोवल से पंजाब में राष्ट्रीय सुरक्षा पर बात की है
सिद्धू और चन्नी की मुलाकात
इधर, कैप्टन अमरिंदर दिल्ली में अपनी रणनीति बनाकर चंडीगढ़ पहुंचे तो दूसरी तरफ सीएम चन्नी ने सुलह के फॉर्मूले पर नवजोत सिंह सिद्धू से बात की। सिद्धू की शर्त ये है कि दागी मंत्री हटाए जाएं, डीजीपी, एडवोकेट जनरल हटाए जाएं और सिद्धू से मिलकर चन्नी ने कह दिया कि बड़े फैसले बदले नहीं जाएंगे।हालांकि कुछ फैसले आंशिक तौर पर बदले जा सकते हैं ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अब सिद्धू इस फॉर्मूले पर मानेंगे, ये कहना अभी मुश्किल है।
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है पंजाब का मुद्दा
लेकिन बात इस सियासत की नहीं है। सरकारें आती जाती रहेंगी, मुख्यमंत्री, मंत्री बदलते रहेंगे और बड़ी बात राष्ट्रीय सुरक्षा की है। पंजाब बॉर्डर स्टेट है इसलिए सबकी चिंता है और ये बात सिर्फ अमरिंदर सिंह नहीं कह रहे हैं। कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता भी यही बात कर रहे हैं। मनीष तिवारी ये बात कह चुके हैं। कपिल सिब्बल ये बात कह चुके हैं। पंजाब में पाकिस्तान का खतरा कितना बड़ा हो सकता है उसे समझने की जरूरत है। पंजाब में 553 किलोमीटर का इंटरनेशनल बॉर्डर है। ये सीमा पाकिस्तान से लगती है और 6 जिलों की सीमा पाकिस्तान से लगती है। इनमें पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन तारन, फिरोजपुर, फाजिल्का शामिल हैं। बॉर्डर स्टेट होने की वजह से पंजाब पर चौतरफा खतरा है। इस चौतरफा खतरे में पाकिस्तान के आतंकवादी,खुफिया एजेंसी आईएसआई, पाकिस्तान में बसे खालिस्तानी, पंजाब में मौजूद स्लीपर सेल शामिल हैं।
हाल की घटनाओं से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
हाल की कुछ घटनाओं से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं। कपूरथला पुलिस ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के दो आतंकी पकड़े थे। इनके पास हैंड ग्रेनेड और टिफिन बम मिले थे। इन हथियारों को ड्रोन के ज़रिए पाकिस्तान से भेजा गया था।30 जुलाई को फिरोजपुर बॉर्डर पर बीएसएफ ने 2 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराया। ये घुसपैठिए बॉर्डर पर लगी बाड़ को पार करने की कोशिश कर रहे थे। जुलाई-अगस्त पंजाब बॉर्डर के गांवों में हर दूसरे-तीसरे दिन पाकिस्तानी ड्रोन की मूवमेंट। कई जगहों पर हथियार-विस्फोटक और ड्रग्स गिराया गया। 21 अगस्त बीएसएफ और पंजाब पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में बॉर्डर के पास 40 किलोग्राम हेरोइन पकड़ी गई। जिसकी कीमत करीब 200 करोड़ रुपये है। 23 सितंबर को बॉर्डर से 10 किलोमीटर दूर तरणतारण जिले के एक गांव में खालिस्तान टाइगर फोर्स के तीन आतंकी पकड़े गए। इनके पास से IED लगे टिफिन बम मिले। दो महीने में 9 टिफिन बम पंजाब में मिल चुके हैं।
पंजाब में पाकिस्तान का दखल किसी से छिपा नहीं है। जुल्फिकार अली भुट्टो ने तो यहां तक कहा था कि पाकिस्तान भी भारत से एक बांग्लादेश को अलग करेगा, फर्क ये होगा कि वो पाकिस्तान की सीमा से लगा हुआ होगा। जुल्फिकार अली भुट्टो के इसी एजेंडे को आगे चलकर जिया उल हक ने भी आगे बढ़ाया था।
पाठशाला में अब हेल्थ की क्लास
सुप्रीम कोर्ट के बैन लगाने के बाद भी पटाखे जलाए जाते हैं। पटाखों में खतरनाक केमिकल इस्तेमाल हो रहे हैं। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की अर्जियां लगाई गई और एक्शन की मांग की गई। पटाखा बनाने वाली कंपनियों के संघ ने ये दलील दी कि इससे लाखों रोजगार छिन जाएंगे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की और ये कहा कि पटाखों में बेरियम जैसे खतरनाक कैमिकल पाए गए हैं। देश में हर दिन जश्न होता है, लेकिन इसके गंभीर पहलुओं पर भी ध्यान देना होगा। लोगों को इस तरह मरने के लिए नहीं छोड़ सकते है।
पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने 6 पटाखा कंपनियों को नोटिस भेज कर पूछा है है कि क्यों ना इनके खिलाफ कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट की कार्रवाई की जाए। बैन के बाद भी पटाखों के लिए बेरियम और उसके सॉल्ट का प्रयोग किया। ये बेरियम केमिकल क्या है, ये आपको बताते हैं। इसे पटाखों में रोशनी और धमाके के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस से हरे रंग की रोशनी निकलती है। 60% पटाखों में बेरियम होता है। बेरियम से संक्रमण होने का खतरा,आंखों और स्किन को नुकसान का खतरा है। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर बैन लगाया था।
सबसे बड़ी समस्या
सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा कि सब जानते समझते हुए भी लोग उल्लंघन करते हैं। कानून नहीं मानते, अलग अलग दलीलें देते हैं लेकिन जीने के अधिकार के उल्लंघन की इजाजत नहीं दी जा सकती। वायु प्रदूषण दुनिया पर सबसे बड़ा संकट है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कुछ दिन पहले गाइडलाइंस अपडेट की है। 2005 के बाद एयर क्वॉलिटी के मानक बदले गए हैं।