न्यूज की पाठशाला में लगी इकॉनोमिक्स की क्लास। क्रिप्टोकरेंसी, इस शब्द के बारे में सुना तो करोड़ों लोगों ने है लेकिन इसके बारे कम ही लोगों को जानकारी है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में क्रिप्टो करेंसी के 10 करोड़ निवेशक हैं। क्रिप्टोकरेंसी के निवेशक दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में हैं। दूसरे नंबर अमेरिका है जहां सिर्फ 2.74 करोड़ निवेशक हैं। हर छठे शहरी भारतीय का क्रिप्टो करेंसी में निवेश है। भारत में क्रिप्टो करेंसी में 75 हजार करोड़ रुपये का निवेश है। पिछले एक साल में क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट 641 % बढ़ा। पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी की कीमत 220 लाख करोड़ से ज्यादा है। ये भारत की अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा है। भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर फिलहाल कोई नियम नहीं है। इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध भी नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर मोदी सरकार बड़ी तैयारी कर रही है। क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगेगा या ये सिस्टम का हिस्सा बनेगी, इस पर सबकी नजरें हैं, खुद पीएम मोदी इसे पर नजर बनाए हुए हैं। सरकार क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल लाने की तैयारी कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही कह चुकी हैं कि पूरी तरह बैन लगाने की योजना नहीं है। सरकार क्रिप्टोकरेंसी के आधार वाली तकनीक ब्लॉकचेन को मजबूत करना चाहती है। सोमवार को संसदीय समिति ने क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देने पर चर्चा की। बैठक में क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉक चेन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
क्रिप्टोकरेंसी की सुरक्षा को लेकर पीएम मोदी ने अपनी चिंता जाहिर की थी। शनिवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इसमें क्रिप्टो करेंसी को लेकर चिंताएं जाहिर की गई थीं। साथ ही कुछ उपायों पर भी चर्चा की गई।
क्रिप्टोकरेंसी मतबल डिजिटल कैश है। जिसकी वैल्यू है, पर आप छू नहीं सकते। करेंसी का डिजिटल अवतार। ये आंकड़ों के रूप में ऑनलाइन रहती है। क्रिप्टोकरेंसी को शुरू करने के पीछे का भाव क्या है:
- डिजिटल करेंसी है इसलिए इसे लूटना मुश्किल
- सामान्य डिजिटल भुगतान से ज्यादा सुरक्षित
- क्रिप्टोकरेंसी पर अच्छे रिटर्न मिल रहे हैं इसलिए निवेश बढ़ा
- करेंसी की वैल्यू घटने जैसे खतरे नहीं
- ट्रांसेक्शन के लिए आपको सेवा कर देने की जरूरत नहीं
- आप किसे पैसा दे रहे हैं, किससे ले रहे हैं इसकी पूरी निजता
- सामान्य लेन-देने की कई तरह की औपचारिकता नहीं
- क्रिप्टो करेंसी में हर ट्रांसेक्शन का पूरा रिकॉर्ड रखा जाता है जैसे आपने 10 रुपए किसी को दिए तो वो 10 रुपए आगे कहां कहां जा रहे हैं सारा ट्रैक हो सकता है
- क्रिप्टोकरेंसी कैशलेस अर्थव्यवस्था के लिए मददगार हो सकती है
- कैश छापने के लिए हजारों करोड़ खर्च होते हैं, क्रिप्टो इसका विकल्प हो सकता है
- बैंकिंग व्यवस्था पर संकट से करेंसी पर असर, पर क्रिप्टो में ऐसा नहीं