- टेरर मॉड्यूल के खिलाफ जांच एजेंसियों ने गुरुवार को की बड़ी कार्रवाई
- देश भर में 15 राज्यों में पीएफआई के दफ्तरों एवं ठिकानों पर पड़े छापे
- रेड में पीएफआई के 100 से ज्यादा सदस्य गिरफ्तार, दस्तावेज भी बरामद
NIA remand note : पॉपुलर फ्रंट इंडिया (PFI) के खिलाफ जांच एजेंसियों ने अपना शिकंजा कस दिया है। गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देश भर में 15 राज्यों में पीएफआई के दफ्तरों एवं उससे जुड़े 93 ठिकानों पर छापे मारे। इस रेड में पीएफआई के 100 से ज्यादा गिरफ्तार हुए। सूत्रों की मानें तो संगठन के ठिकानों से इलेक्ट्रानिक उपकरण सहित जिहादी साहित्य बरामद हुए हैं। इन सामग्रियों को जांच एजेंसियां खंगाल रही हैं। इस बीच टाइम्स नाउ को एनआईए की रिमांड नोट मिला है। इस नोट में हैरान करने वाली बातें सामने आई हैं।
PFI के लोग देश विरोधी साजिश रच रहे थे-रिमांड नोट
इस रिमांड नोट की मानें तो केंद्र सरकार को इस बात की विश्वसनीय सूचना मिली थी कि पीएफआई के पदाधिकारी, इसके सदस्य एवं कैडर अन्य लोगों के साथ मिलकर देश विरोधी साजिश रच रहे थे। ये लोग केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए देश और विदेश से फंड जुटा रहे थे।
'देश विरोधी साजिश रच रहे थे आरोपी'
नोट के अनुसार इस साजिश के तहत ये लोग आईएसआईएस जैसे प्रतिबंधित संगठनों में मुस्लिम युवकों को भर्ती करने एवं उन्हें कट्टर बनाने में शामिल हैं। इसी साजिश को हकीकत में बदलने के लिए ये आम लोगों के दिलोदिमाग में दहशत भरते थे। ये आरोपी व्यक्ति आतंकी गतिविधियों के लिए अपनी संस्था के सदस्यों को प्रशिक्षण देने में शामिल थे। यही नहीं ये आरोपी समाज का सौहार्द बिगाड़ने में शामिल थे। सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए ये आरोपी सोशल मीडिया एवं अन्य प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल कर रहे थे। गृह मंत्रालय के निर्देशों पर काम करते हुए नई दिल्ली के एनआईए पुलिस स्टेशन में इन आरोपियों के खिलाफ आईपीसी एवं यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ। एनआईए के स्पेशल जज ने बेंगलुरु निवासी यासिर हसन के ठिकानों की तलाशी लेने के लिए वारंट जारी किया।
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रेड के बाद गृह मंत्री ने की उच्च स्तरीय बैठक
राजधानी दिल्ली से लेकर बिहार, उत्तर प्रदेश, केरल और अन्य राज्यों में एनआईए एवं ईडी की रेड से खलबली मच गई। रेड के खिलाफ पीएफआई के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। इन छापों पर पीएफआई ने सरकार पर जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। जबकि दिल्ली में इन छापों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में एनएसए, एनआईडी के डीजी और गृह सचिव शामिल हुए। जांच एजेंसियों ने पीएफआई के प्रदेश अध्यक्षों एवं जिलाध्यक्षों सहित इस संस्था के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों का कहना है कि इनके ठिकानों से इलेक्ट्रानिक उपकरण एवं दस्तावेज बरामद हुए हैं जिन्हें जांच एजेंसियां खंगाल रही हैं।