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कई राज्यों में पॉजिटिविटी रेट खतरनाक स्तर पर, अब इस खतरे का अंदेशा, जानें क्या कहती है रिपोर्ट

Updated Jan 05, 2022 | 21:00 IST

Covid Cases In India: देश में कोरोना के मामले में 4 दिन में डबल हो गए हैं। 9 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी के स्तर को भी पार कर गया है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
कोरोना की रफ्तार बढ़ी
मुख्य बातें
  • पश्चिम बंगाल, गोवा, महाराष्ट्र और मिजोरम में सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है।
  • लॉसेंट की रिपोर्ट के अनुसार ओमीक्रॉन वैरिएंट से अस्पताल में भर्ती होने का खतरा कम है।
  • ओमीक्रॉन के मामले 2100 के आंकड़े को पार कर गए हैं।

नई दिल्ली:  कोरोना ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। बीते 24 घंटे में देश में कुल 58 हजार से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आए हैं। ऐसे में एक बार फिर इस बात का डर सताने लगा है कहीं दूसरी लहर जैसी खतरनाक स्थिति नहीं खड़ी हो जाय। यह डर इसलिए बढ़ गया है क्योंकि देश के 9 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं जहां पर पॉजिटिविटी रेट 5 के स्तर को पार कर गया है। और यह पूरे देश में 4.18 फीसदी पर पहुंच गया है। बढ़ते मामले को देखते हुए फिर से पाबंदियां भी शुरू हो गई है। और लॉकडाउन का खतरा मंडराने लगा है।

4 दिन में डबल हुई रफ्तार

वर्ल्ड मीटर डॉट ओआरजी की रिपोर्ट के अनुसार देश में 4 दिनों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार डबल हो गई है। एक जनवरी को जहां देश में 27,553 केस आए थे। वहीं 4 जनवरी को  58,097 मामले आए । जाहिर ओमीक्रॉन की दस्तक के बाद देश में तेजी से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। अब  तक 2100 से ज्यादा ओमीक्रॉन वैरिएंट के केस सामने आ चुके हैं।

इन राज्यों में पॉजिटिविटी रेट बढ़ा

आउटब्रेक इंडिया के अनुसार देश के 7 राज्य ऐसे हैं, जहां पर पॉजिटिविटी रेट 5 के स्तर को भी पार कर गया है। जिसका सीधा मतलब है कि देश में तेजी से संक्रमण के मामले बढ़े हैं। पॉजिटिविटी रेट का मतलब यह है कि प्रति 100 लोगों की टेस्टिंग में कितने लोगों में संक्रमण पाया जा रहा है।

राज्य पॉजिटिविटी रेट
पश्चिम बंगाल 18.96 फीसदी
गोवा                   13.89 फीसदी
मिजोरम              13.38 फीसदी
महाराष्ट्र               13.27 फीसदी
चंडीगढ़                9.07 फीसदी
दिल्ली                   8.37 फीसदी
पंजाब                   6.49 फीसदी
केरल                   5.12 फीसदी
अरूणाचल प्रदेश   5.01  फीसदी

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क्या खतरा कम

ब्रिटेन की दो स्टडी के बाद अब प्रमुख मेडिकल जर्नल लांसेट की रिपोर्ट ने भी राहत की खबर दी है। दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रॉन वैरिएंट के असर पर की गई रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 की  दूसरी, तीसरी और चौथी लहर की तुलना करने पर संक्रमण के मामले, चौथी लहर में बढ़े हैं। लेकिन गंभीर मामलों की संख्या कम है।

रिपोर्ट के अनुसार गाउटेंग प्रांत में दूसरी लहर में  41,046 केस, तीसरी लहर में 33,423 और चौथी लहर में 133,551 केस सामने आए। लेकिन अच्छी बात यह रही है कि संक्रमण ज्यादा होने  के बावजूद अस्पतालों में भर्ती दर कम रही है। दूसरी लहर के दौरान 18.9 फीसदी, तीसरी लहरों के दौरान 13.7 फीसदी और चौथी लहर के दौरान 4.9 फीसदी लोग भर्ती हुए है। 

इसी तरह दूसरी लहर के दौरान 60.1 फीसदी, तीसरी लहर के दौरान  66.9 फीसदी लोग गंभीर अवस्था में भर्ती हुए। जबकि चौथी लहर में 28.8 फीसदी लोगों की स्थिति गंभीर हुई। इसके अलावा ओमीक्रॉन से संक्रमित और अस्पताल में भर्ती हुए गंभीर मामलों के जोखिम को देखा जाय तो डेल्टा की तुलना में यह 73 फीसदी कम है।

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इसके पहले  स्कॉटलैंड में जारी रिसर्च पेपर के अनुसार नवंबर और दिसंबर में दर्ज कोविड मामलों के विश्लेषण में भी ऐसे ही परिणाम सामने आए थे। रिपोर्ट के अनुसार डेल्टा की तुलना में ओमीक्रॉन से अस्पताल में भर्ती होने के मामलों में दो-तिहाई की कमी आई थी। वही एक अन्य स्टडी इंपीरियल कॉलेज लंदन की स्टडी के अनुसार डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमीक्रॉन की वजह से अस्पताल आने वालों  मामले 20-25 फीसदी कम रहे। जबकि अस्पताल में भर्ती होने के मामले 40-45 फीसदी कम थी।

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