नई दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उभरने की चर्चा के बीच, उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने शुक्रवार को कहा कि अगर अन्य दल चाहें तो वह एक विकल्प हो सकते हैं। जद (यू) अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि कुमार का मुख्य ध्यान 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने पर है। उन्होंने कहा कि वह अगले सप्ताह बिहार विधानसभा में विश्वास मत के बाद विभिन्न दलों के नेताओं से मिलने के लिए राष्ट्रीय राजधानी का दौरा करेंगे। सिंह ने कहा कि बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री और जद (यू) के मुख्य चेहरा कुमार विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के दावेदार नहीं हैं। अन्य विपक्षी दलों द्वारा उन्हें यह दावेदारी संभालने के लिए समर्थन देने के मामले में पार्टी के रुख के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि अगर अन्य दल चाहें तो वह एक विकल्प हो सकते हैं।
जद (यू) अध्यक्ष एवं लोकसभा सदस्य सिंह ने कहा कि बिहार में नई सरकार बनाने के लिए भाजपा से नाता तोड़ने और अपने प्रतिद्वंद्वियों के साथ गठबंधन करने के बाद शरद पवार और अरविंद केजरीवाल सहित कई विपक्षी नेताओं ने कुमार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से मुकाबला करने के लिए नेतृत्व पर फैसला करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ बैठना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए सभी दलों को एकजुट होकर लड़ना चाहिए और बाद में तय करना चाहिए कि उनका नेता कौन होगा। दोनों विकल्प हैं। नीतीश कुमार भाजपा से मुकाबला करने वाली अन्य सभी पार्टियों को एक मंच पर लाने के लिए काम करेंगे, ताकि उसके शासन के समक्ष एकजुट होकर चुनौती पेश की जा सके।
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सिंह ने कहा कि कुमार में प्रधानमंत्री बनने के लिए सभी आवश्यक गुण हैं। उन्होंने हालांकि जोर देकर कहा कि वह इस पद के दावेदार नहीं हैं। ललन सिंह ने बिहार में 40 लोकसभा सीटों में से कम से कम 35 सीटें जीतने के बीजेपी के लक्ष्य का जिक्र करते हुए दावा किया कि पार्टी बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 2019 में जीती सीटों में से 40 सीट हार जाएगी। उन्होंने दावा किया कि 40 सीट हारने के बाद भाजपा की संख्या बहुमत के आंकड़े से नीचे आ जाएगी। गौरतलब है कि भाजपा ने 2019 के चुनावों में 543 सदस्यीय लोकसभा में 303 सीटों पर जीत दर्ज की थी।