नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) का नया प्रारूप देश में भ्रम पैदा करेगा। उन्होंने सुझाव दिया है कि केंद्र को पुराने प्रारूप को बनाए रखना चाहिए, जो 2011 से उपयोग में है। कुमार ने कहा कि एनपीआर 2011 से है, यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन नए प्रारूप में और अधिक प्रश्नों के साथ यह देश में भ्रम पैदा कर सकता है।
उन्होंने कहा, 'कोई भी अपने माता-पिता की जन्मतिथि को नहीं जानता है। हमारा मानना है कि केंद्र सरकार को एनपीआर के पुराने प्रारूप को जारी रखना चाहिए। गरीब लोगों के पास तो यह जानकारी है ही नहीं। इसको देखते हुए हम लोगों की अपनी राय है कि नए जोड़े गए कॉलम की कोई आवश्यक्ता नहीं है और हमारी पार्टी की ओर से लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में जेडीयू संसदीय दल के नेता हैं इस पर बात करेंगे।'
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, 'एनपीआर पहले के मापदंड के अनुसार किया जाना चाहिए। जो अनावश्यक माहौल पैदा हो गया है वह ठीक बात नहीं है। समाज में किसी तरह की कटुता और लोगों के मन में किसी प्रकार के भ्रम और भय का भाव पैदा नहीं हो, इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए।'
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और प्रस्तावित NRC के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'हमने पहले ही कहा है कि राज्य में एनआरसी लागू नहीं किया जाएगा और जहां तक सीएए का मामला है अब ये सुप्रीम कोर्ट में है और वहां बहस होगी। अगर किसी को कोई दिक्कत है, तो वे इसे वहां रख सकते हैं।'