- महबूबा मुफ्ती पब्लिक सेफ्टी के तहत हैं नजरबंद
- पीएसए के तहत नजरबंदी तीन महीने और बढ़ाई गई है।
- नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई की मांग की है।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर शासन ने पूर्व सीएम और PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती की पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत नजरबंदी को तीन महीने तक और बढ़ा दिया है। उनके साथ साथ पीडीपी के ही नेता सरताज मदनी और नेशनल कांफ्रेंस के नेता अली मोहम्मद सागर की नजरबंदी को भी तीन महीने तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। यहां यह जानना जरूरी है कि नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि उनकी रिहाई सही माएने में तभी सार्थक होगी जब दूसरे राजनीतिक दलों के नेताओं को रिहा कर दिया जाएगा।
PSA के तहत बढ़ाई गई नजरबंदी
महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी मंगलवार को खत्म हो रही थी। नजरबंदी खत्म होने से पहले श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट ने पीएसए के तहत नजरबंदी का समय बढ़ाए जाने का ऑर्डर उन्हें सौंप दिया। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को पिछले साल 5 अगस्त को हिरासत में लिया गया थी। केंद्र सरकार ने विशेष दर्जे को निरस्त करके इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों -लद्दाख और जम्मू और कश्मीर में बांट दिया था। केंद्र सरकार के इस फैसले का वो विरोध कर रही थीं।
5 अगस्त 2019 को विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया गया
जम्मू -कश्मीर के राजनीतिक दलों के विरोध का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने साफ कर दिया था कि संवैधानिक प्रावधानों के तहत ही विशेष उपबंध को समाप्त करने का फैसला किया गया। लिहाजा विरोध की वजह नहीं है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि स्पेशल 370 से जो फायदा राज्य को मिलना चाहिए था वो नहीं मिला। विकास की धारा मे यह राज्य पीछे चला गया। समय की मांग है कि जो 70 साल पहले गलती की गई थी उसे सुधारा जाए