नई दिल्ली: गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल यथिराज टोक्यों में तोक्यो में होने वाले पैरा ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले हैं। वो विश्व के तीसरे नंबर के पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। खेल की संचालन संस्था बीडब्ल्यूएफ ने शुक्रवार को भारत को द्विपक्षीय कोटा प्रदान किया जिससे सुहास और मनोज सरकार ने पैरालंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई कर लिया। इससे बैडमिंटन का सात सदस्यीय दल पैरालंपिक में हिस्सा लेगा।
पहले भी जीते हैं पदक
मार्च 2018 में वाराणसी में आयोजित दूसरी राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में पुरुष एकल वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने के बाद वह राष्ट्रीय चैंपियन बने। 2016 में बीजिंग चीन में हुए एशियाई पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में वह एक पेशेवर अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय नौकरशाह बने। उस समय वह आजमगढ़ के जिलाधिकारी के रूप में कार्यरत थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका नाम तब सामने आया जब उन्होंने स्वर्ण पदक जीता और वैश्विक स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने और पदक जीतने वाले पहले भारतीय नौकरशाह बने।
दिसंबर 2016 में वह उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान यश भारती से सम्मानित हुए, जो उन्हें 1 दिसंबर 2016 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्राप्त हुआ था। 3 दिसंबर को विश्व विकलांग दिवस पर उन्हें पैरा स्पोर्ट्स में उनके प्रदर्शन के लिए राज्य सरकार से पुरस्कार मिला।
कर्नाटक में हुआ जन्म
सुहास एलवाई का जन्म कर्नाटक के हसन में हुआ। चूंकि उनके पिता सरकारी कर्मचारी थे, इसलिए उन्हें अलग-अलग जगहों पर उनकी पोस्टिंग के दौरान पिता के साथ घूमना-फिरना पड़ता था। उन्होंने अपनी अधिकांश माध्यमिक शिक्षा डीवीएस स्वतंत्र कॉलेज शिवमोग्गा, कर्नाटक में की। उन्होंने 2004 में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सुरथकल, कर्नाटक से कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग शाखा में विशिष्ट योग्यता के साथ प्रथम श्रेणी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
पत्नी है PCS अधिकारी
ये नोएडा से पहले इलाहाबाद, आजमगढ़, जौनपुर, सौनभद्र, हाथरस, महाराजगंज के भी डीएम रह चुके हैं। सुहास की शादी रितु सुहास से हुई है, जिन्हें मिसेज इंडिया 2019 प्रतियोगिता में मिसेज यूपी चुना गया था। वह एक पीसीएस अधिकारी हैं। दोनों की एक बेटी और एक बेटा है। उनकी पत्नी को भी आम चुनावों में मतदाता जागरूकता में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया था।