- प्रधानमंत्री 25 नवंबर को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे
- जेवर हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश का 5वां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा
- जेवर एयरपोर्ट पूरी तरह से 2040-50 में पूरा होगा
Jewar Airport: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी 25 नवंबर को जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे। इससे पहले नागर विमानन सचिव ने इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को लेकर कई अहम जानकारियां दी हैं। जेवर एयरपोर्ट बनाने के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। यह एक ग्रीनफील्ड परियोजना है जिसे चार चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण का निर्माण 36 माह में होगा, प्रथम चरण की संचालन अवधि 2023-27 होगी।
पहले चरण में प्रति वर्ष 1.2 करोड़ यात्रियों के यातायात की उम्मीद है और अंतिम चरण के पूरा होने तक यानी 2040-50 के बीच जेवर हवाई अड्डे की क्षमता प्रति वर्ष 7 करोड़ यात्रियों को संभालने की होगी।
ग्रेटर नोएडा के जेवर एयरपोर्ट पर सबसे पहले डोमेस्टिक फ्लाइट का संचालन शुरू होगा। चरण 1 की परियोजना लागत 8916 करोड़ रुपए है। यूपी सरकार भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास पर 4326 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। पीएम मोदी व्यक्तिगत रूप से इस प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहे हैं।
इससे पहले मंगलवार को जेवर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले चरण में करीब 10,000 करोड़ रुपए का निवेश यहां पर आ सकता है और जेवर हवाई अड्डा बनने से नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा समेत पूरे जिले में करीब 34 से 35 हजार करोड़ रुपए तक का निवेश आएगा जिससे एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। भारत सरकार का इस परियोजना में पूरा सहयोग मिल रहा है और 2024 तक जेवर हवाई अड्डा बनकर तैयार हो जाएगा तथा उसके बाद यह उत्तर प्रदेश का 5वां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण पूरा होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। ये भारत का पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा जो प्रदूषण से मुक्त होगा। ये एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। साथ ही इसके नजदीक फिल्म सिटी के निर्माण की कार्रवाई भी हम लोग करने जा रहे हैं। उसकी कार्रवाई भी अंतिम चरणों में चल रही है।