- नागरिकता संशोधन कानून पर पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध
- केरल, पंजाब और बंगाल ने इस कानून को अपने राज्य में लागू करने से किया मना
- जेडीयू के प्रशांत किशोर को है आपत्ति, नीतीश कुमार से कानूुन नहीं लागू करने की अपील की
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल अब कानून की शक्ल ले चुका है। लेकिन इस कानून का पूर्वोत्तर राज्यों खासतौर से असम में विरोध ज्यादा है। आल आसाम स्टूडेंट्स यूनियन लोगों से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील कर रहा है। ये बात अलग है कि असम के सीएम सर्वानंद सोनोवाल ने सबसे अपील की है कि वो संयम का परिचय हैं। इसके साथ ही पंजाब, बंगाल और केरल ने साफ कर दिया है कि वो नागरिकता संसोधन कानून को लागू नहीं करेंगे।
कांग्रेस के कद्दावर नेता जयराम रमेश में नागरिकता संशोधन कानून को चुनौती देने का फैसला किया है। उन्होंने इस कानून की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए अर्जी दी है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार का नजरिया आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के नजरिए की तरह है। पार्टी आलाकमान का फैसला अंतिम होगा।
Citizenship amendment act Updates
- गुवाहाटी में लोगों का विरोध प्रदर्शन चरम पर है। लोगों का कहना है कि इस कानून से असम की जनसंख्या का न केवल स्वरूप बदलेगा बल्कि असमी पहचान भी खतरे में पड़ जाएगा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने जानबूझकर लोगों की जिंदगी को तबाह करने का फैसला कर चुकी है।
- महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बाला साहेब थोराट से जब पूछा गया कि क्या वो नागरिकता संशोधन कानून को राज्य में लागू करेंगे तो उस सवाल के जवाब में कहा कि इसके बारे में केंद्रीय नेतृत्व का फैसले का इंतजार रहेगा। सवाल ये है कि क्या उद्धव ठाकरे कांग्रेस के दबाव में आकर फैसला करेंगे या अपनी पार्टी के स्टैंड पर कायम रहेंगे।
- इसके साथ ही केरल में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया और बताया गया कि बीजेपी कुछ खास एजेंडे पर आगे बढ़ रही है।
बता दें कि संसद के दोनों सदनों ने नागरिकता संशोधन बिल पर भारी बहुमत से रजामंदी दी थी। इस बिल पर गुरुवार को राष्ट्रपति ने मुहर लगा दी और बिल अब कानून के शक्ल में है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर प्रदर्शनकारियों से अपील की थी कि उनके हितों पर किसी तरह की आंच नहीं आने दी जाएगी। जो लोग इस बिल अब कानून का विरोध कर रहे हैं वो किसी के बहकावे में न आएं।