- NTAGI का कहना है कि विदेश यात्रा पर जाने वाले लोगों को नौ महीने से पहले एहतियाती डोज दी जा सकती है
- सूत्रों का कहना है कि आम लोगों के लिए एहतियाती डोज में अंतर कम करने की अनुशंसा नहीं की गई है
- देश में 18 साल से ऊपर के लोगों को निजी टीकाकरण केंद्रों पर एहतियाती डोज गत 10 अप्रैल से दी जा रही है
Precaution Dose : कोविड-19 पर नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) ने कहा है कि ऐसे लोग जो विदेश यात्रा करना चाहते हैं उन्हें कोविड-19 की एहतियाती डोज नौ महीने से पहले दी जा सकती है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि बुधवार को हुई एक बैठक में एनटीएजीआई ने एहतियाती टीका दिए जाने पर चर्चा की और कोरोना की एहतियाती डोज दिए जाने पर अपनी रजामंदी दी।
आम लोगों को बूस्टर डोज देने की समयसीमा में छूट नहीं
सूत्रों के मुताबिक आम लोगों के लिए बूस्टर डोज लगाने के लिए तय समयसीमा में कोई छूट देने की सिफारिश नहीं हुई है। बता दें कि देश में बूस्टर डोज देने में तय अंतराल को कम करने को लेकर मिलीजुली राय है। सरकार ने 18 साल से ऊपर के लोगों को एहतियाती डोज लेने की इजाजत दी है लेकिन आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक कोरोना का तीसरा डोज लेने में लोग दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
डोज पर आईएमए के को-चेयरमैन की राय
कोविड-19 नेशनल टास्ट फोर्स पर भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के को-चेयरमैन डॉक्टर राजीव जयादेवन के मुताबिक कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ पहली वैक्सीन और तीसरी वैक्सीन के बीच अंतर जितना अधिक होगा, लोगों में प्रतिरोधक क्षमता उतनी ही ज्यादा होगी।
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उन्होंने कहा, 'हमने पाया है कि यदि व्यक्ति को दूसरा डोज बहुत जल्दी लगा तो उसमें ज्यादा अंतर नहीं दिखा। दूसरे शब्दों में आप पहले से ही सुरक्षित हैं। फिर यदि तीसरा डोज भी जल्दी लग जाता है तो यह भी बहुत असरदार नहीं होगा।'
देश में 10 अप्रैल से दिए जा रहे हैं एहतियाती डोज
देश में 18 साल से ऊपर के लोगों को निजी टीकाकरण केंद्रों पर एहतियाती डोज गत 10 अप्रैल से दिए जा रहे हैं। ऐसे लोग जिनको दूसरा डोज लिए नौ महीने हो गए हैं, वे एहतियाती डोज लेने के पात्र माने गए हैं। बता दें कि गत 10 जनवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स, स्वास्थ्यकर्मियों और 60 साल से ऊपर के लोगों को एहतियाती डोज लगना शुरू हुआ। इसके बाद गत 16 मार्च से सभी वयस्कों को एहतियाती डोज लगाने की इजाजत दी गई।