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नूपुर शर्मा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए, बीजेपी उन्हें क्यों बचा रही है, बोले असदुद्दीन ओवैसी

Updated Jul 01, 2022 | 18:13 IST

नुपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद को लेकर विवादित टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने शर्मा को फटकार लगाई। उसके बाद एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि नूपुर शर्मा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और देश में कानून का राज स्थापित होना चाहिए, बीजेपी उन्हें क्यों बचा रही है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी

नई दिल्ली: नुपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादित टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम पीएम मोदी से मांग करते हैं कि नूपुर शर्मा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए, और कानून को अपना काम करने दें। बीजेपी उन्हें क्यों बचा रही है? बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुजरात क्लीन चिट का श्रेय लिया, अब उन्हें यह देखना होगा कि नूपुर शर्मा के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा। ओवैसी ने शर्मा की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की और कहा कि देश में कानून का राज स्थापित होना चाहिए। 

गौर हो सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी से सस्पेंड नेता नुपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादित टिप्पणी को लेकर उन्हें शुक्रवार को कड़ी फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नुपुर की अनियंत्रित जुबान ने पूरे देश को आग में झोंक दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि देश में जो कुछ हो रहा है उसके लिए नुपुर शर्मा अकेले जिम्मेदार हैं।

कोर्ट ने शर्मा की विवादित टिप्पणी को लेकर विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने संबंधी उनकी अर्जी स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि नुपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी या तो सस्ता प्रचार पाने के लिए या किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत या किसी घृणित गतिविधि के तहत की।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि नुपुर शर्मा का अपनी जुबान पर काबू नहीं है और उन्होंने गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए हैं और पूरे देश को आग में झोंक दिया है। फिर भी वह 10 साल से वकील होने का दावा करती हैं। उन्हें अपनी टिप्पणियों के लिए तुरंत पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए थी।

कोर्ट ने कहा कि ये बयान बहुत व्यथित करने वाले हैं और इनसे अहंकार की बू आती है। इस प्रकार के बयान देने का उनका क्या मतलब है? इन बयानों के कारण देश में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं, ये लोग धार्मिक नहीं हैं। वे अन्य धर्मों का सम्मान नहीं करते। ये टिप्पणियां या तो सस्ता प्रचार पाने के लिए की गईं या किसी राजनीतिक एजेंडे या घृणित गतिविधि के तहत की गईं।

पीठ ने पैगंबर के बारे में टिप्पणी को लेकर विभिन्न राज्यों में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने की शर्मा की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी। पीठ ने कहा कि नुपुर शर्मा को खतरा है या वह सुरक्षा का खतरा बन गई हैं? जिस तरह उन्होंने देशभर में लोगों की भावनाओं को भड़काया है। देश में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए केवल यह महिला जिम्मेदार है।

नुपुर शर्मा की टिप्पणी के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हुए थे और कई खाड़ी देशों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। बीजेपी ने बाद में शर्मा को पार्टी से सस्पेंड कर दिया था।

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