नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए और जांच एजेंसी उनसे पूछताछ कर रही है। आज सुबह में पूछताछ के लिए राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय से ईडी दफ्तर पहुंचे। एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत राहुल गांधी का बयान दर्ज कर रही है। ईडी की इस पूछताछ के खिलाफ कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने सिर्फ एक परिवार और उसकी 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया। क्या आपको लगता है कि उनके लिए अलग कानून होना चाहिए? जांच एजेंसियों के पास भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने वालों के बयान दर्ज करने के कुछ अधिकार हैं। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को काम में अवरोध पैदा करना क्या इनको शोभा देता है, ये अपने-आप प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है, दाल में कुछ काला है।
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इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कांग्रेस के कई सीनियर नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे और राहुल गांधी के प्रति अपना समर्थन जताया। राहुल गांधी का काफिला जब ईडी मुख्यालय पहुंचा तो गाड़ी में उनके बगल में प्रियंका गांधी भी बैठी हुईं थीं। कांग्रेस का कहना है कि उसके टॉप नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और ईडी की कार्रवाई बदले की राजनीति के तहत की जा रही है। उसने यह भी कहा है कि वह और उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं है।
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अधिकारियों के मुताबिक कांग्रेस के सीनियर नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है, ताकि यंग इंडियन और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेन-देन और प्रवर्तकों की भूमिका को समझा जा सके। यंग इंडियन के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं। समझा जाता है कि मामले से जुड़े सहायक निदेशक स्तर के एक ईडी अधिकारी ने यंग इंडियन की स्थापना, नेशनल हेराल्ड के संचालन और धन के कथित हस्तांतरण को लेकर सवालों की सूची सामने रखी। यंग इंडियन में कथित वित्तीय अनियमितताएं भी जांच के दायरे में हैं।