नई दिल्ली : जम्मू एवं कश्मीर के परिसीमन पर मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी के बयान पर भारत ने सोमवार को निशाना साधा। भारत ने परिसीमन पर ओआईसी के बयान को 'गैर-जरूरी' बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि 'हमें यह देखकर निराशा हुई है कि ओआईसी सचिवालय ने एक बार फिर भारत के अंदरूनी मामले में गैर-जरूरी बयान दिया है।' परिसीमन आयोग ने अपने अंतिम आदेश में कश्मीर में विधानसभा सीट की संख्या 47 जबकि जम्मू में 43 रखने की अनुशंसा की है। अंतिम आदेश में जम्मू में छह जबकि कश्मीर में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा गया है वहीं राजौरी और पुंछ के क्षेत्रों को अनंतनाग संसदीय सीट के तहत लाया गया है।
भारत ने बयान को खारिज किया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'बीते समय की तरह इस बार भी भारत सरकार केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर जो कि भारत का आंतरिक एवं अभिन्न हिस्से है, के बारे में ओआईसी के बयान को स्पष्ट रूप से खारिज करती है।' बता दें कि इस महीने की शुरुआत में परिसीमन आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। यह रिपोर्ट नोटिफाइ भी हो गई है। परिसीमन में जम्मू एवं कश्मीर की लोकसभा एवं विधानसभा सीटों की संख्या में वृद्धि हुई है।
पाकिस्तान के नाम का सीधे तौर पर जिक्र नहीं
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में सीधे तौर पर पाकिस्तान का जिक्र तो नहीं किया लेकिन उसने कहा, 'ओआईसी को किसी एक देश के इशारे पर भारत के खिलाफ अपना सांप्रदायिक एजेंडा नहीं चलाना चाहिए।' परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। राज्य में जून 2018 के बाद कोई चुनी हुई सरकार नहीं है।
परिसीमन आयोग की सिफारिश, जम्मू में हो 43 और कश्मीर में 47 विधानसभा सीटें
कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता जाहिर की
अपने बयान में ओआईसी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के चुनावी सीमा को दोबारा खींचने के भारत के प्रयासों पर गंभीर चिंता प्रकट करता है। ओआईसी ने आरोप लगाया कि भारत ने ऐसा करते हुए कश्मीरी लोगों के अधिकारों का उल्लंघन किया है। बयान में ओआईसी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर की। जम्मू-कश्मीर पर ओआईसी का यह पहला बयान नहीं है, वह पहले भी इस तरह का बयान देता रहा है।