- शोपियां जिले के हांजीपोरा इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़
- सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया, दूसरे से करवाया सरेंडर
- सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है आतंकी के सरेंडर का वीडियो
श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में शुक्रवार को सुरक्षा बलों के आतंकियों की एक मुठभेड़ हुई जिसमें एक आतंकवादी मारा गया। इस दौरान सेना की सूझबूझ और समझदारी के चलते एक आतंकवादी ने सरेंडर कर दिया। सरेंडर के दौरान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इंडियन आर्मी के चिनार कॉर्प्स ने इसका वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर डाल है। इस वीडियो में दिख रहा है कि कैसे सेना का एक अफसर लश्कर के एक आतंकी को सरेंडर करने के लिए कह रहा है।
एक आतंकी ढेर
आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने पर सुरक्षा बलों ने शोपियां जिले के हंजीपोरा इलाके में घेराबंदी करके तलाशी अभियान शुरू किया था। इस दौरान दोनों तरफ से गोलीबारी हुई जिसके बाद सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया। पुलिस के मुताबिक, सेना के मेजर के कहने पर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी ने मुठभेड़ के दौरान एके-56 राइफल के साथ सरेंडर कर दिया। सरेंडर करने वाले आतंकवादी की पहचान शोपियां जिला निवासी साहिल रमजान डार के तौर पर हुई है।
इस तरह की भावुक अपील
सेना के अधिकारी ने माइक से अपील करते हुए आतंकवादी से कहा, 'ताहिर तुम्हें मेरी आवाज आ रही है, जब आवाज आ रही है तो मेरी बात सुनो, मैंने तुम्हें पहले भी रिक्वेस्ट किया.. तुम्हें आखिर वॉर्निंग दे रहा हूं, रिक्वेस्ट कर रहा हूं, इसे जो भी समझना है समझना.. अपना हथियार डाल दे, हाथ ऊपर कर ले और सरेंडर कर दे। मैं इस बात की गारंटी देता हूं कि तुम्हें कुछ भी नहीं होगा अगर तुम हथियार डालकर और हाथ ऊपर कर बाहर आते हो तो। अपने घरवालों को याद करों, अपने दोस्तों को याद करों और अपने मां-बाप को याद करो। जब सब याद है बच्चे तो मेरी रिक्वेस्ट है कि हथियार डालकर, हाथ ऊपर कर बाहर निकल आ। मैं सरेंडर लेने के लिए तैयार हूं। मैं चाहता हूं कि तू सरेंडर करे, तेरे घरवालों को जानता हूं इसलिए चाहता हूं कि तू सरेंडर करे। उनके ऊपर जो गुजरेगी वो तू नहीं समझता, इसलिए बोल रहा हूं कि हथियार डाल के सरेंडर कर दे।'
इस भावुक अपील का असर ही था कि आतंकवादी साहिल रमजान डार ने सरेंडर कर दिया जिसके बाद सेना ने उसे उसके परिवार और दोस्तों को सौंप दिया। पुलिस अधिकारी के मुताबिक आखिरी सूचना मिलने तक अभियान जारी था।