- देश में इस समय कोवैक्सीन और कोविशील्ड का हो रहा है इस्तेमाल
- नोवावैक्स इंक इंडिया का कहना है कि उसकी वैक्सीन नए स्ट्रेन के लिए कारगर
- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और नोवावैक्स मिलकर एक अलग वैक्सीन पर काम कर रहे हैं।
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के खिलाफ देशभर में 16 जनवरी से टीकाकरण की शुरुआत हो चुकी है। इस समय भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी देश में कुछ और वैक्सीन पर रिसर्च जारी है और उन्हें उम्मीद है कि इस संबंध में जल्द कामयाबी मिलेगी। बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अडर पूनावाला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जून 2021 के अंत तक हम एक और वैक्सीन का इस्तेमाल कर सकेंगे।
नोवावैक्स इंक कर रही है वैक्सीन पर रिसर्च
बता दें कि दवा कंपनी नोवावैक्स इंक ने एक दिन पहले ही कहा था कि Covid-19 का उसका टीका ब्रिटेन में चल रहे एक स्टडी के शुरुआती निष्कर्षों के आधार पर वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ 89 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है। कंपनी का यह भी दावा है टीका ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में फैल रहे वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के मामले में भी कारगर पाया जा रहा है।
कोविशील्ड का उत्पादन कर रहा है एसआईआई
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविडशील्ड’ वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है। इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनका ने विकसित किया है। टीकाकरण अभियान के लिए केंद्र ने ‘कोविडशील्ड’ टीके की एक करोड़ 10 लाख खुराक खरीदी हैं। बता दें कि कोविड-19 के खिलाफ 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफ कर दिया था कि पहले चरण में करीब तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।