- देश के अस्पताल इस समय ऑक्सीजन संकट का सामना कर रहे हैं
- कोरोना महामारी की दूसरी लहर में मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी
- ऑक्सीजन और दवाइयों की किल्लत को दूर करने के लिए दुनिया के अलग अलग देश कर रहे हैं मदद
कोरोना महामारी के इस दौर में देश के अलग अलग राज्यों में अस्पताल ऑक्सीजन की कमी का सामना तो कर ही रहे हैं, इसके साथ दवाइयों की भी दिक्कत है, इस कमी को दूर करने के लिए एक तरफ जहां ऑक्सीजन सप्लाई की कमी को दूर करने की कोशिश की जा रही है तो दूसरी तरफ विदेशों से भी मदद के हाथ बढ़े हैं और आवाश्यक साजो सामना हर दिन भारत आ रहे हैं।
बैंकॉक और सिंगापुर से मदद
भारतीय वायु सेना का सी -17 विमान बैंकॉक में ऑक्सीजन टैंकर को लोड किया गया। भारतीय वायु सेना C-17s ने सिंगापुर से पनागर (पश्चिम बंगाल) तक 6 और दुबई से पनागर के लिए आज 3 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर मंगवाए। इसके अलावा, एक सी -17 वर्तमान में बैंकॉक से पानागढ़ एयरबेस में 3 कंटेनरों को एयरलिफ्ट कर रहा है। भारत सरकार का कहना है कि प्राथमिकता के आधार पर उन राज्यों को ज्यादा मदद देने की कोशिश की जा रही है जहां कोरोना मरीजों की संख्या ज्यादा है।
आयरलैंड और हांगकांग से सहयोग
आयरलैंड से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की 700 इकाइयोंं और 365 वेंटिलेटर को लोड कर भारत लाया जा रहा है ताकि अस्पतालों में किसी तरह की मुश्किल ना आए। नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि हांगकांग से भारत 300 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और दूसरी दवाइयों की खेप भारत पहुंच चुकी है। इसके जरिए कोरोना के खिलाफ लड़ने में और मदद मिलेगी। इसके साथ ही अमेरिका ने दवाइयों से संबंधित कच्चे माल के निर्यात पर लगी पाबंदी को हटाया है। भारत सरकार ने चीन के संबंध में 16 साल पुरानी नीति में ढील दी है ताकि महामारी के इस दौर में किसी भारतीय को किसी तरह की परेशानी ना हो।