- भारतीय सैनिकों ने पीओके में पहुंचाया पाकिस्तान को भारी नुकसान
- पाकिस्तान ने माना कि भारतीय कार्रवाई में उसे हुआ भीषण नुकसान
- पीओके में पाकिस्तानी सेना की कई चौकियां हुईं तबाह
नई दिल्ली: दिवाली से पहले पाकिस्तान ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर से लेकर गुरेज सेक्टर के बीच कई स्थानों पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन किया जिसमें भारत के पांच सुरक्षाकर्मियों सहित 11 लोगों की मौत हो गयी। भारत ने भी पाकिस्तान की इस कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया और जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के आठ सैनिक मारे गए जबकि कई सैनिक घायल भी हो गए। अब पाकिस्तान ने खुद स्वीकार किया है कि भारत की इस कार्रवाई में उसका बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। हालांकि मौत के आंकड़ों को पाकिस्तान अभी भी छिपा रहा है।
पीओके में भारत की कार्रवाई में पाक को भीषण नुकसान
पाकिस्तान अखबार डॉन के मुताबिक पीओके में भारतीय जवाबी कार्रवाई में भारी नुकसान हुआ है और नीलम घाटी, लीपा घाटी और मुजफ्फराबाद जिले के नौसेरा सेक्टर करीब 5 सैनिकों सहित 30 लोग घायल है। पाकिस्तान को हुए नुकसान के बाद लोग इमरान खान को निशाने पर ले रहे हैं। पीओके के कथित प्रधानमंत्री राजा फारुक हैदर ने इमरान खान पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें यह बताना चाहिए कि नियंत्रण रेखा पर नागरिकों की सुरक्षा के लिए कौन जिम्मेदार है और कब तक हमें इस तरह भीषण तबाही का सामना करना पड़ेगा।
पीओके के नागरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन सचिव सैयद शाहिद मोहिद्दीन कादरी के अनुसार, भारतीय सैनिकों ने एक साथ नीलम और लेपा घाटियों में गोलाबारी शुरू की और फिर यह बढ़ते हुए मुज़फ़्फ़राबाद के नौसेरी सेक्टर तक कर कर दी गई है। उन्होंने पाकिस्तानी अखबार डॉन को बताया, 'यह नीलम घाटी में अब तक का सबसे भारी गोलाबारी थी। इस गोलीबारी में 25 नागरिक भी घायल हुए हैं।
पाकिस्तान ने अकारण की थी गोलीबारी
इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले में एलओसी से सटे गांवों और अग्रिम इलाकों को निशाना बनाकर भारी गोलाबारी की जिसमें सेना के दो कर्मियों समेत सात लोग जख्मी हो गए। इसके बाद भारतीय सेना ने एलओसी पर हथियारों के ठिकानों, ईंधन के ठिकानों और आतंकवादियों के कई लांच पैड समेत पाकिस्तानी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाने वाले वीडियो जारी किए।