नई दिल्ली: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को दावा किया कि उन्होंने भारत को बहुप्रतीक्षित सार्क शिखर सम्मेलन में वर्चुअल रूप से भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कुरैशी ने कहा कि यदि भारत कोविड की वजह से इसमें शामिल नहीं हो सकता है तो वह वर्चुअल माध्यम से शिखर सम्मेलन में शिरकत कर सकता है। भारत ने हालांकि कहा कि उसे अभी तक कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है।
2016 बाद नहीं हुआ सम्मेलन
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) एक क्षेत्रीय समूह है जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं। यह 2016 के बाद से बहुत प्रभावी नहीं रहा है क्योंकि 2014 में काठमांडू में आयोजित इसके पिछले सम्मलन के बाद से इसका द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन नहीं हुआ है। कुरैशी का बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान के बाद आया है जब उन्होंने कहा था कि उनका देश शिखर सम्मेलन की तब मेजबानी करेगा जब इसके रास्ते में बनाई गई "कृत्रिम बाधा" को हटा दिया जाएगा।
इमरान ने कही थी ये बात
खान ने रेखांकित किया था कि सार्क आर्थिक तालमेल बनाने के लिए एक अनुकूल और लाभकारी माहौल प्रदान कर सकता है जो दक्षिण एशिया के लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बदल सकता है। उन्होंने "जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन, ऊर्जा एकीकरण और स्वास्थ्य चुनौतियों सहित सामान्य हित के मुद्दों पर सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया। 2016 सार्क शिखर सम्मेलन इस्लामाबाद में 15-19 नवंबर, 2016 को आयोजित होने वाला था।
उरी हमले के बाद भारत ने किया था इंकार
हालांकि, उस वर्ष 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के उरी में एक भारतीय सेना के शिविर पर एक आतंकवादी हमले के बाद, भारत ने "मौजूदा परिस्थितियों" के कारण शिखर सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त कर दी थी। बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी इस्लामाबाद बैठक में भाग लेने से इनकार करने के बाद शिखर सम्मेलन रद्द कर दिया गया था।
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