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पार्थ चटर्जी की दोबारा हो सकती है टीएमसी में एंट्री बशर्ते, अभिषेक बनर्जी के बयान के माएने समझिए

Updated Jul 28, 2022 | 20:27 IST

पार्थ चटर्जी के खिलाफ ममता बनर्जी ने कार्रवाई करते हुए सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके साथ ही पार्टी के सभी पदों से भी हटा दिया है। इस विषय पर उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी का कहना है कि जांच की अवधि तक वो पार्टी से बाहर रहेंगे। पार्टी में दोबारा वापसी के रास्ते बंद नहीं हुए हैं।

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अभिषेक बनर्जी, ममता बनर्जी के भतीजे हैं
मुख्य बातें
  • पार्थ चटर्जी अब टीएमसी से भी बाहर
  • जांच की अवधि तक टीएमसी ने किया निलंबित
  • मंत्रिमंडल से भी बाहर किये जा चुके हैं पार्थ चटर्जी

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भले ही घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की हो लेकिन पार्टी ने बंगाल के पूर्व कैबिनेट मंत्री के लिए भी अपने दरवाजे खुले रखे। बशर्ते कि वह करोड़ों के एसएससी भर्ती घोटाले में निर्दोष निकले। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उन्हें जांच की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है। तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और उनकी चाची और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पीछे पार्टी के नंबर 2 अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, अगर वह दोषी नहीं साबित होते हैं तो वह वापस आ सकते हैं।

अगर पार्थ बीजेपी में गए तो क्या वो हो जाएंगे संत
टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी  ने कहा कि वह (अर्पिता मुखर्जी) जिसके घर से रकम बरामद हुई वह टीएमसी का नहीं है। हम इस मामले से जुड़े लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चाहते हैं। मैं यह बात काल्पनिक रूप से कह रहा हूं कि अगर पार्थ चटर्जी दो महीने बाद बीजेपी में चले गए तो वे संत बन जाएंगे। डायमंड हार्बर के सांसद ममता बनर्जी, जो सत्ताधारी पार्टी की सुप्रीमो भी हैं, द्वारा चटर्जी को उनके सभी मंत्री पदों से हटाने के तुरंत बाद मीडिया से बात कर रहे थे, क्योंकि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उनसे करोड़ों रुपये की वसूली की गई थी। 

सात दिन के अंदर कार्रवाई हुई
टीएमसी एकमात्र पार्टी है जिसने इस मामले में 7 दिनों के भीतर हस्तक्षेप किया। मैं सहमत हूं कि बड़ी रकम वसूल की गई। लेकिन, आए दिन बैंक फ्रॉड हो रहे हैं, बीजेपी ने क्या कार्रवाई की? उड़ गए नीरव मोदी, क्या बीजेपी ने निर्मला सीतारमण को किया बर्खास्त, बात पर चलने वाली टीएमसी है।

विपक्षी दलों ने साधा था निशाना
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा स्कूल भर्ती घोटाले में गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने बर्खास्त कर दिया।एक आधिकारिक आदेश में कहा गया, ‘‘पार्थ चटर्जी को उद्योग, वाणिज्य एवं उद्यम विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, संसदीय मामलों के विभाग और सार्वजनिक उद्यम एवं औद्योगिक पुनर्निर्माण विभाग के प्रभारी मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है।’’वहीं, यहां एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बर्खास्त किये गये मंत्री पार्थ चटर्जी के विभागों का प्रभार कुछ समय के लिए उनके पास रहेगा।

मुख्य सचिव एच के द्विवेदी के हस्ताक्षर वाले आदेश के बाद बनर्जी ने पश्चिम बंगाल औद्योगिक संवर्धन बोर्ड की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पार्थ दा के विभागों का प्रभार कुछ समय के लिए मेरे पास रहेगा... जब तक मैं मंत्रिमंडल में फेरबदल नहीं करती।’’
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव चटर्जी को ईडी ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के भर्ती अभियान से जुड़ी कथित अनियमितताओं के मामले की जांच के संबंध में 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था।ईडी ने इस मामले में चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया है। ईडी ने अर्पिता के शहर में स्थित फ्लैट से करोड़ों रुपये की नकदी जब्त की है।
 

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