- पार्थ चटर्जी के खिलाफ ईडी की जांच
- पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घर से करोड़ों में कैश बरामद
- ममता बनर्जी ने मंत्रिमंडल से हटा दिया है
पश्चिम बंगाल एसएससी स्कैम में ईडी जांच की जद में आए पार्थ चटर्जी को दोहरा झटका लगा है। पहले तो उन्हें सरकार से हटाया गया। उसके बाद उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। टीएमसी की अनुशासन कमेटी की बैठक में यह बड़ा फैसला किया गया। पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि रकम की बरामदगी एक लड़की के घर से हुई है, निश्चित तौर पर यह खेल बड़ा है।
पार्टी से भी हटाए गए पार्थ चटर्जी
टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पार्थ चटर्जी को टीएमसी से महासचिव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और तीन अन्य पदों के साथ हटा दिया गया है। जांच जारी रहने तक उसे निलंबित कर दिया गया है। दोषी न साबित होने पर वापस आ सकते हैं।
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि सीएम ने फैसला लिया और (पार्थ चटर्जी) मंत्री को हटा दिया गया। मामले की जांच की जा रही है। अगर कोई कुछ गलत करता है तो टीएमसी उसे नहीं बख्शेगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव एवं प्रवक्ता कुणाल घोष ने बृहस्पतिवार को मांग की कि एसएससी घोटाले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को पद से तुरंत हटाया जाना चाहिए और पार्टी से भी तत्काल निष्कासित किया जाना चाहिए।
टीएमसी नेताओं ने भी की थी मांग
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के अनुसार, चटर्जी से संबद्ध अपार्टमेंट से करीब 50 करोड़ रुपये नकद और सोना बरामद किया गया है। इसके अलावा कुछ संपत्तियों तथा विदेशी मुद्रा से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए गए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तर किया गया।पार्टी के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल तथा पार्टी के सभी पदों से तत्काल हटाया जाना चाहिए। अगर मेरा बयान गलत लगे, तो पार्टी के पास मुझे भी सभी पदों से हटाने का अधिकार है। मैं तृणमूल कांग्रेस के एक सैनिक की तरह काम करता रहूंगा।
उन्होंने बाद में कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पर पूरा विश्वास है।
घोष ने कहा, ‘‘वह (पार्थ चटर्जी) कह रहे हैं कि वह मंत्री पद से इस्तीफा क्यों दें। वह सार्वजनिक रूप से यह क्यों नहीं कह रहे कि वह निर्दोष हैं और उनका अर्पिता मुखर्जी से कोई संबंध नहीं है? उन्हें ऐसा करने से क्या रोक रहा है? मुझे ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी पर पूरा विश्वास है और मुझे लगता है कि वह सही फैसला करेंगे।’’
हालांकि, मुख्यमंत्री ने हाल ही में कहा था कि अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो वह भले ही मंत्री ही क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों और सहायता प्राप्त स्कूलों में हुए कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के वक्त पार्थ चटर्जी के पास शिक्षा विभाग का प्रभार था। बाद में उनसे यह विभाग ले लिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें धनशोधन मामले में गत शनिवार को गिरफ्तार किया था।प्रवर्तन निदेशालय स्कूल सेवा आयोग द्वारा की गई शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता के आरोपों की जांच कर रहा है।