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'हम पर थूका गया', कोलकाता से इस्तीफा देकर मणिपुर के लिए रवाना हुईं 300 नर्सें  

Updated May 21, 2020 | 12:09 IST

Kolkata Nurses: क्रिस्टीला नाम की नर्स ने कहा, 'हम अपनी नौकरी छोड़कर खुश नहीं हैं लेकिन काम के दौरान हमारे साथ भेदभाव किया जाता है। लोग नस्लीय टिप्पणी करते हैं यहां तक कि कभी-कभी हमारे ऊपर थूका जाता है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
मणिपर की नर्सों ने नौकरी छोड़ी।
मुख्य बातें
  • नर्सों ने अपने साथ भेदभाव करने का आरोप है लगाया है
  • 'लोग करते हैं नस्ली टिप्पणी, हमारे ऊपर थूका भी जाता है'
  • कोविड-19 की चपेट में है पश्चिम बंगाल, 250 लोगों की हुई मौत

कोलकाता : कोलकाता के अस्तपालों में नर्स के रूप में काम करने वाली करीब 300 नर्सों ने लोगों के व्यवहार से आहत होकर इस्तीफा दे दिया और वे मणिपुर के लिए रवाना हो गई हैं। कुछ और नर्स भी कोलकाता से जाने वाली हैं। इतनी बड़ी संख्या में नर्सों का इस्तीफा देना चर्चा का विषय बना हुआ है। कोलकाता स्थित मणिपुर भवन के डिप्टी रेजिडेंस कमिश्नर जेएस जॉयरिता ने बुधवार को यह जानकारी दी। 

कोलकाता से जाना चाहती हैं नर्सें
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा, 'करीब 60 और नर्सें कल कोलकाता छोड़ देंगी। हमें लोग फोन कर रहे हैं और वे चाहते हैं कि हम मणिपुर वापस लौट जाएं।' इसके पहले बताया गया कि कोलकाता के अस्पतालों में 185 नर्सों ने अपनी नौकरी छोड़ दी है और वे वापस इंफाल लौट गई हैं। 

भेदभाव का लगाया आरोप
क्रिस्टीला नाम की नर्स ने कहा, 'हम अपनी नौकरी छोड़कर खुश नहीं हैं लेकिन काम के दौरान हमारे साथ भेदभाव किया जाता है। लोग नस्लीय टिप्पणी करते हैं यहां तक कि कभी-कभी हमारे ऊपर थूक दिया जाता है। अस्पतालों में पीपीई किट की कमी है। हम लोग जहां कहीं भी जाते हैं लोग सवाल करने लगते हैं।'

कोविड-19 की चपेट में है कोलकाता
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर पश्चिम बंगाल में कोविड-19 की स्थिति के बारे में जो जानकारी दी गई है, उसके अनुसार राज्य में संक्रमण के 2961 केस मिले हैं। इनमें से 1074 लोगों को उपचार के बाद ठीक किया जा चुका है जबकि 250 लोगों की मौत हुई है। देश में गुरुवार तक कोविड-19 के 112359 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 45300 लोगों को उपचार के बाद ठीक किया जा चुका है जबकि इस महामारी से 3435 लोगों की जान जा चुकी है।

हाल के दिनों में स्वास्थ्यकर्मियों पर हुए हैं हमले
कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर डंटे स्वास्थ्यकर्मियों के साथ पिछले कुछ दिनों में बदसलूकी की कई घटनाएं हुई हैं। अलग-अलग जगहों पर कोविड-19 की जांच करने पहुंची डॉक्टरों की टीम पर हमले हुए हैं। कई स्थानों पर पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया गया है। इन हमलों को देखते हुए राज्य सरकारों ने भी सख्त कदम उठाए हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना वैरियर्स को सुरक्षा देने के लिए कानून में बदलाव किया है। स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले में शामिल लोगों के खिलाफ रासुका एवं गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। 
 

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