- सरकार ने देशभर में 15 फरवरी से अनिवार्य कर दिया है फास्टैग
- अगर आपके वाहन में फास्टैग नहीं लगा होगा तो आपको टोल प्लाजा पार करने के लिए दोगुना टोल टैक्स या जुर्माना देना होगा
- लोगों ने महंगे टोल टैक्स से बचने के लिए निकाला हैरान करने वाला तरीका
नई दिल्ली: लोगों को टोल बूथ पर लंबे जाम से राहत दिलाने और उनकी परेशानियों को कम करने के लिए सरकार ने पूरे देश में 15 फरवरी से फास्टैग को अनिवार्य बना दिया है। नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना और दोगुना टोल टैक्स देने का प्रावधान है। सरकार को उम्मीद थी कि इससे लोगों की परेशानी कम होने के साथ- साथ रेवेन्यू में भी इजाफा होगा लेकिन जो महंगे टोल टैक्स से बचने के लिए लोगों ने जो तरीका निकाला है वो हैरान करने वाला है। इससे सरकार को लाखों का नुकसान हो रहा है।
जांच में सामने आई बात
पत्रिका की खबर के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों ने जब जांच कि तो वो भी हैरान रह गए। जांच में पता चला कि टोल पार करने वाली गाड़ी कोई और है तथा फास्टैग किसी और गाड़ी का लगा हुआ है। फिलहाल यह मामला यूपी से सामने आया है लेकिन सरकार को शक है कि दूसरे राज्यों में भी इस तरह की हरकत की जा रही होगी। मामला सामने आते ही अधिकारियों ने अपनी जांच को और तेज कर दिया है।
छोटी गाड़ी का फास्टैग, अगर निकल रहे हैं बड़े वाहन
दरअसल टोल पर छोटे वाहनों से लेकर बड़े वाहनों से अलग- अलग शुल्क वसूला जाता है। जब से फास्टैग को अनिवार्य कर दिया है तब से जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आती है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपके वाहन के विंडस्क्रीन पर लगे फास्टैग को ट्रैक कर लेता है और इसके बाद आपके फास्टटैग अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला शुल्क कट जाता है। अपराधी फास्टैग का बड़ी ही चतुराई से फायदा उठा रहे हैं।
कुछ बड़ी गाड़ी वाले टोल पार करने छोटी गाड़ी का फास्टैग लगाकर पार कर रहे हैं। ऐसे में वह करीब 300 से लेकर 500 तक की टैक्स चोरी करते हैं जिससे सरकार को लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। FASTag जारी होने की तारीख से फास्टैग की वैधता अगले पांच साल तक की होती है। यदि आपने रिजार्च किया है लंबे समय तक हाइवे पर सफर नहीं किया है तो इससे रिचार्ज पर कोई फर्क नहीं पड़ता है और यह रिचार्ज फास्टैग की वैधता तक वैध रहता है।