नई दिल्ली : देश-दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में भारी उछाल के बीच तमाम विशेषज्ञ जहां वैक्सीनेशन को अहम बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे लेकर समाज में भ्रांतियां फैलाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। वैक्सीनेशन को लेकर कई तरह की बातें अब भी सामने आ रही हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो आए दिन सामने आते हैं, जिनमें वैक्सीनेशन को लेकर भ्रांतिपूर्ण बातें कही जाती हैं। सरकार ने ऐसे ही एक वीडियो में कही बातों को सिरे से खारिज किया है और वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बताया है।
PIB fact check के ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो का हवाला देते हुए इसे पूरी तरह से फर्जी करार दिया गया है। इसमें कहा गया है कि एक वीडियो में Covid 19 और इसकी वैक्सीन से जुड़े कई फर्जी दावे किए जा रहे हैं। ऐसी भ्रामक वीडियो/मैसेज शेयर न करें। देश में लगाई जा रही सभी वैक्सीन सुरक्षित हैं।
ट्वीट में लोगों से इस तरह के फर्जी संदेशों की जानकारी देने और उन्हें फैक्ट चेक के लिए शेयर करने की अपील भी लोगों से की गई है। इसके लिए इसमें एक मोबाइल नंबर 8799711259 और ईमेल आईडी socialmedia@pib.gov.in भी शेयर किया गया है, जिसके जरिये लोग इस तरह के फर्जी संदेशों की जानकारी सरकार तक फैक्ट चेक के लिए पहुंचा सकते हैं।
वीडियो में किया गया दावा फर्जी
इसमें जिस वीडियो का हवाला देते हुए उसे फर्जी करार दिया गया है, उसमें एक शख्स कोविड-19 वैक्सीन को लेकर तमाम तरह की बातें कहता सुना जा रहा है। उसका दावा है कि इंजेक्शन के जरिये लोगों के शरीर में बेहद सूक्ष्म आकार के चिप इंसर्ट किए जा रहे हैं, ताकि उनके बारे में हर जानकारी जुटाई जा सके तो यह भी कहा जा रहा है कि कोविड वैक्सीन लगवाने वाले युवा आने वाले दिनों में संतान पैदा करने में सक्षम नहीं रह जाएंगे। PIB फैक्ट चेक में शख्स के इन दावों को पूरी तरह फर्जी पाया गया है।
यहां गौर हो कि देश में पोलियो रोधी वैक्सीनेशन की शुरुआत के बाद भी इसी तरह की अफवाह लोगों के बीच सुनी जा रही थी, लेकिन पोलिया रोधी टीकाकरण अभियान की सफलता का नतीजा आज हम सभी के सामने है, जिसकी वजह से यह बीमारी आज हमारे बीच से लगभग गायब हो गई। कोविड रोधी वैक्सीन को भी WHO सहित तमाम विशेषज्ञों ने सुरक्षित बताया है और महामारी के खिलाफ जंग में कारगर बताया है, जिससे आज पूरी दुनिया जूझ रही है। ऐसे में जरूरी है कि लोग इसे लेकर तमाम तरह की भ्रांतियों और अफवाहों से दूर रहें और विशेषज्ञों की बात सुनें।