- शिवमोगा पुलिस ने आईएसआईएस के टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश किया
- आईएस की विचारधारा से प्रभावित ये आरोपी देश को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते हैं
- पुलिस ने छापे में बम बनाने में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद किए
Karnataka : कर्नाटक को सिलसिलेवार बम धमाकों से दहलाने की साजिश का पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। शिवमोगा के पुलिस अधीक्षक का कहना है कि आरोपियों को दबोचियों के दौरान मारे गए छापों में बम बनाने में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रानिक उपकरण एवं सामग्रियां बरामद हुई हैं। पुलिस का कहना है कि विस्फोट करने के लिए आरोपी बम बना रहे थे। पुलिस इन संदिग्ध आतंकियों से जुड़े 11 ठिकानों पर छापे मारी कर रही है।
आरोपियों के एक जगह से जला हुआ राष्ट्रध्वज मिला
मीडिया से बातचीत में शिवमोगा के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर बीएम लक्ष्मीप्रसाद ने बताया कि शिवमोगा एवं बेंगलुरु के बाहरी इलाके में बम बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियां जब्त की गई हैं। इन जगहों पर संदिग्धों ने हमारे राष्ट्रध्वज को जलाने की कोशिश की। यहां से हमें आधा जला हुआ राष्ट्रीय ध्वज मिला है। आरोपियों में से एक शारिक फरार है। ये आरोपी दूसरे ब्लास्ट के लिए बम बनाने में इस्तेमाल होने वाली अन्य सामग्रियों की तलाश में थे। हमने दो आरोपियों यासिन और माज को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार माज एवं यासीन इंजीनियर हैं
पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि शिवमोगा में सावरकर की तस्वीर हटाने के मामले में जो चाकूबाजी हुई थी उसमें चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। इन आरोपियों पर यूएपीए लगाया गया। जांच में पता चला कि इस मामले में जाबी में कट्टर एवं नफरती सोच भरने में शारिक जिम्मेदार है। रिपोर्टों के मुताबिक गिरफ्तार माज इंजीनियरिंग का छात्र है और वह मंगलुरू का रहने वाला है जबकि शिवमोगा निवासी सईद यासीन इलेक्ट्रिकल से इंजीनियर हैं। यासीन और माज सात दिनों की पुलिस हिरासत में हैं।
ISIS की विचारधारा से प्रभावित हैं आरोपी
पुलिस ने उस कार को भी जब्त किया है जिसका इस्तेमाल शारिक रेकी के लिए करता था। पुलिस का कहना है कि ये सभी आरोपी आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित हैं और देश को एक मुस्लिम राष्ट्र बनाने की मंशा रखते हैं। पुलिस ने बताया कि ब्लास्ट का ट्रायल करने के बाद ये तीनों आरोपी पूरे राज्य में विस्फोट करने की साजिश रच रहे थे। इसके लिए इन्होंने रेकी भी की थी। बता दें कि हिंसा एवं उपद्रव के कुछ पिछले मामलों की जांच करते हुए पुलिस को इस टेरर मॉड्यूल की जानकारी मिली। इस टेरर मॉड्यूल की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी जुट गई है।