नई दिल्ली: मोदी सरकार ने देश में पहली बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद सृजित किया है और सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया है। इस नियुक्ति का पता जनरल रावत को पीएम मोदी के माध्यम से ही पता चली, समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से ये बताया है।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जनरल बिपिन रावत को उनकी इस नियुक्ति के बारे में प्रधानमंत्री निवास पर फेयरवेल डिनर के दौरान दी थी।पीएम मोदी ने जनरल रावत को प्रधानमंत्री आवास पर फेयरवेल डिनर दिया था वहीं ये बात जनरल रावत को पता चली कि वो देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ होंगे।
गौरतलब है कि सरकार ने रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों का एक नया विभाग बनाया है और नवनियुक्त चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत इसके प्रमुख होंगे।
नए विभाग के पास तीनों सेनाओं-थल सेना, नौसेना और वायु सेना से संबंधित कार्य होंगे। इसके अलावा मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार पूंजीगत खरीद को छोड़कर सेवाओं के लिए विशिष्ट खरीद की भी जिम्मेदारी नए विभाग के पास होगी।इस आदेश में कहा गया है कि विभाग संयुक्त और थिएटर कमानों की स्थापना सहित संचालन में सहयोग के जरिए संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए सैन्य कमांड के पुनर्गठन की सुविधा सुनिश्चित करेगा।
इसके अलावा यह संयुक्त योजनाओं और आवश्यकताओं के एकीकरण के जरिए सैन्य सेवाओं में खरीद, प्रशिक्षण और स्टॉफ की नियुक्ति की प्रक्रिया में समन्वय लाएगा।साथ ही विभाग सेना में स्वदेश निर्मित उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत सरकार (कामकाज का आवंटन) नियमावली, 1961 में बदलाव को मंजूरी दे दी और इसके बाद विभाग का गठन किया गया।इस परिवर्तन के बाद रक्षा मंत्रालय के अधीन अब पांच विभाग होंगे। इन विभागों में रक्षा विभाग, सैन्य मामलों के विभाग, रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग और भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग शामिल हैं।
सैन्य मामलों के विभाग में रक्षा मंत्रालय का एक एकीकृत मुख्यालय होगा जिसमें थल सेना मुख्यालय, नौसेना मुख्यालय, वायु मुख्यालय, डिफेंस स्टाफ मुख्यालय और प्रादेशिक सेना शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के सृजन को मंजूरी दी थी।