- मोदी ने यह भी कहा कि अब किसी प्रधानमंत्री को ये नहीं कहना पड़ेगा कि एक रुपया भेजता हूं तो 15 पैसे पहुंचता है।
- पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने यह बयान प्रधानमंत्री बनने के बाद दिया था।
- पिछले 8 साल में लाभार्थियों के खाते में 22 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए पहुंचाए गए हैं।
PM Narendra Modi in Germany: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को तीन दिन के यूरोप दौरे के पहले दिन जर्मनी पहुंचे। जहां बर्लिन में उन्होंने भारतीय समुदाय से बात करते हुए कांग्रेस पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वो कौन सा पंजा था जो 85 पैसे घिस लेता था। जाहिर है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बयान के जरिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर निशाना साध रहे थे। जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 1985 में यह बयान दिया था कि सरकार 1 रुपया भेजती है, लोगों तक 15 पैसे पहुंचते हैं।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धि बताते हुए यह भी कहा कि अब किसी प्रधानमंत्री को ये नहीं कहना पड़ेगा कि एक रुपया भेजता हूं तो 15 पैसे पहुंचता है। जाहिर है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तीर से दो शिकार कर रहे थे। बर्लिन से दिए गए बयान की सियासी आंच आज दिल्ली में दिख सकती है। और कांग्रेस के तरफ से तीखी प्रतिक्रिया भी आ सकती है।
राजीव गांधी ने कब दिया था बयान
असल में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने यह बयान प्रधानमंत्री बनने के बाद साल 1985 में दिया था। उन्होंने यह बयान उड़ीसा के कालाहांडी में दिया था। जहां वह सूखा प्रभावित इलाके का दौरा करने गए थे। उस वक्त उन्होंने कहा था कि ग्रास रूट लेवल पर बहुत भ्रष्टाचार है। सरकार जब भी 1 रुपया खर्च करती है तो लोगों तक 15 पैसे ही पहुंच पाते हैं। राजीव गांधी के इसी बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल पिछले काफी समय से कांग्रेस पर निशाना साधते रहे हैं।
मोदी डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर का करते हैं जिक्र
बर्लिन में भी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी के बयान का जिक्र किया थो, उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने पिछले 8 साल में लाभार्थियों के खाते में 22 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए पहुंचाए हैं। असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 2014 में सत्ता में आए थे। तो उन्होंने JAM पर फोकस किया था। जिसमें जनधन खाता, आधार और मोबाइल के जरिए लाभार्थियों तक योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई। और उसके जरिए अब लोगों के खाते में बड़े पैमाने पर योजनाओं की राशि पहुंचती है। इसके तहत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, कोरोना काल में राहत राशि, मनरेगा, पेंशन योजना आदि सभी प्रमुख योजनाओं की राशि अब लाभार्थी के सीधे खाते में पहुंचती है।