- प्रधानमंत्री ने जीएचटीसी- इंडिया के तहत हल्के मकान से जुड़ी परियोजनाओं की आधारशिला रखी
- देश में पहली बार निर्माण क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर निर्माण
- इंदौर, राजकोट, चेन्नई, रांची, अगरतला और लखनऊ में किया जा रहा है निर्माण कार्य
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाईट हाउस प्रोजेक्ट (एलएचपी) का शिलान्यास किया। देश में छह राज्यों में ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज इंडिया (जीएचटीसी इण्डिया) की नींव और प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के वितरण कार्यक्रम में पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, 'एक समय में आवास योजनाएं केंद्र सरकारों की प्राथमिकता में उतनी नहीं थीं जितनी होनी चाहिए। सरकार घर निर्माण की बारीकियों और गुणवत्ता पर नहीं जाती थी। आज देश ने एक अलग अप्रोच चुनी है। ये 6 प्रोजेक्ट वाकई लाइट हाउस यानी प्रकाश स्तंभ की तरह हैं। ये 6 प्रोजेक्ट देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाएंगे। देश के हर क्षेत्र से राज्यों का इस अभियान में जुड़ना कॉपरेटिव फेडरलिज्म की हमारी भावना को और मजबूत कर रहा है।'
एक साल में हजार घर
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'हर जगह एक साल में 1,000 घर बनाए जाएंगे, इसका मतलब प्रतिदिन 2.5-3 घर बनाने का औसत आएगा। अगली 26 जनवरी से पहले इस काम में सफलता पाने का इरादा है। देश में ही आधुनिक हाउसिंग तकनीक से जुड़ी रिसर्च और स्टार्टअप्स को प्रमोट करने के लिए आशा इंडिया प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से भारत में ही 21वीं सदी के घरों के निर्माण की नई और सस्ती तकनीक विकसित की जाएगी। घर बनाने से जुड़े लोगों को नई तकनीक से जुड़ी स्किल अपग्रेड करने के लिए सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किया जा रहा है ताकि देशवासियों को घर निर्माण में दुनिया की सबसे अच्छी तकनीक और मटेरियल मिल सके।'
पीएम मोदी ने कहा कि लोगों के पास अब RERA जैसे कानून की शक्ति है। RERA ने लोगों में ये भरोसा लौटाया है कि जिस प्रोजेक्ट में वो पैसा लगा रहे हैं, वो पूरा होगा, उनका घर अब फंसेगा नहीं। उन्होंने कहा कि देश का रियल एस्टेट सेक्टर निरंतर मजबूत हो इसके लिए सरकार की कोशिश लगातार जारी है। मुझे विश्वास है कि #Housing4All का सपना जरूर पूरा होगा।
क्या है लाइटहाउस प्रोजेक्ट्स
लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स (एलएचपी) देश में पहली बार निर्माण क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर नए जमाने की वैकल्पिक वैश्विक प्रौद्योगिकी, सामग्रियों और प्रक्रियाओं का बेहतरीन प्रदर्शन करती हैं। इनका निर्माण जीएचटीसी- इंडिया के तहत किया जा रहा है जो आवास निर्माण के क्षेत्र में नवीन तकनीकों को अपनाने के लिए एक समग्र परिवेश तैयार करने की परिकल्पना करता है।
ये शहर हैं शामिल
इन एलएचपी का निर्माण इंदौर (मध्य प्रदेश), राजकोट (गुजरात), चेन्नई (तमिलनाडु), रांची (झारखंड), अगरतला (त्रिपुरा) और लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में किया जा रहा है। इसमें प्रत्येक स्थान पर संबद्ध बुनियादी ढांचा सुविधाओं के साथ लगभग 1,000 मकानों को शामिल किया गया है। ये परियोजनाएं पारंपरिक तौर पर ईंट एवं कंक्रीट वाले निर्माण के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से यानी महज बारह महीने के भीतर रहने के लिए तैयार मकानों को प्रदर्शित और वितरित करेंगी। इसके अलावा ये मकान उच्च गुणवत्ता के साथ किफायती और टिकाऊ भी होंगे।
हल्के मकानों की परियोजनाएं संबंधित जगहों पर प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण एवं उसके अनुकरण की सुविधा के लिए एक लाइव प्रयोगशाला के रूप में काम करेंगी। इसमें योजना, डिजाइन, उपकरणों का उत्पादन, निर्माण प्रथाओं और परीक्षण के लिए आईआईटी, एनआईटी, अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों और प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर कॉलेजों के संकाय एवं छात्रों के अलावा बिल्डर, निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों के पेशेवर एवं अन्य हितधारक शामिल हैं।