- अमेरिकी राष्ट्रपति के विमान एयर फोर्स वन जैसा ही है एयर इंडिया वन एयरक्राफ्ट
- अमेरिकी कंपनी बोइंग ने किया है इसका निर्माण, अत्याधुनिक तकनीक से लैस है विमान
- राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अपनी यात्राओं के लिए करेंगे इसका इस्तेमाल
नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एयर इंडिया वन अमेरिका से गुरुवार को दिल्ली पहुंच गया। कोरोना संकट की वजह से आधुनिक तकनीक एवं सुविधाओं से लैस इस विमान के भारत आने में देरी हुई है। यह विमान लार्ज एयरक्राफ्ट काउंटरमेजर्स और सेल्फ प्रोटेक्शन सूट्स मिसाइल डिफिंस सिस्टम से लैस होगा। यह विमान अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए इस्तेमाल होने वाले एयर फोर्स वन की खूबियों जैसा होगा।
एयर इंडिया वन में लगी है सुरक्षित संचार व्यवस्था
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि एयर इंडिया वन आधुनिक एवं सुरक्षित संचार तंत्र से लैस है। इस विमान में उड़ान के समय होने वाली बातचीत को न तो हैक और न ही टैप किया जा सकता है। इस विमान का उपयोग राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और पीएम की यात्रा में होगा। यह एयर इंडिया वन विमान आज अमेरिका से दिल्ली पहुंच रहा है।
IAF के पायलट उड़ाएंगे इसे
खास बात यह है कि एयर इंडिया वन को एयर इंडिया की पायलट नहीं बल्कि वायु सेना के पायलट उड़ाएंगे। अति विशिष्ट व्यक्तियों के लिए इस्तेमाल होने वाले बी-747 विमानों को एयर इंडिया के पायलट उड़ाते हैं और एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड इन विमानों का रखरखाव करता है।
अमेरिकी कंपनी बोइंग ने तैयार किया है इसे
अमेरिकी कंपनी बोइंग ने 1200 करोड़ रुपए की लागत से एयर इंडिया वन ( बी-777) का निर्माण किया है। इस विमान में करीब-करीब वही खासियत होगी जो अमेरिकी राष्ट्रपति के विमान एयर फोर्स वन में है। अमेरिकी राष्ट्रपति जिस विमान से यात्रा करते हैं उसे दुनिया के सबसे सुरक्षित विमान माना जाता है। एयर फोर्स वन बोइंग 747-200बी सीरिज का एयरक्राफ्ट है जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है।
एक बार में 17 घंटे से ज्यादा उड़ान भरेगा एयर इंडिया वन
एयर इंडिया वन विमान पर अशोक चक्र अंकित होगा और हिंदी में भारत लिखा होगा। यह विमान एक बार में लगातार 17 घंटे से ज्यादा उड़ान भर सकता है जबकि बोइंग 747 एक बार में 10 घंटे से ज्यादा की उड़ान नहीं कर पाता। एयर इंडिया वन अपनी एक उड़ान में दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में पहुंच जाएगा। यही नहीं, जरूरत पड़ने पर विमान में हवा में ईंधन भरा जा सकेगा।