- यूक्रेन संकट पर पीएम मोदी ने आज एक दिन में की दो बैठकें
- प्रधानमंत्री ने कहा- सरकार लोगों को निकालने के लिए कर रही है चौबीस घंटे काम
- यूक्रेन में फंसे पड़ोसी देशों और विकासशील देशों को भी निकालेगा भारत- पीएम
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए 'ऑपरेशन गंग' के तहत चल रहे प्रयासों की समीक्षा के लिए आज अपनी दूसरी उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। पीएम मोदी ने कहा कि पूरी सरकारी मशीनरी चौबीसों घंटे काम कर रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वहां सभी भारतीय सुरक्षित रहें और देश में उनकी सुरक्षित वापसी हो सके।
दूसरे देशों की भी की जाएगी मदद
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कर बताया, 'प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न देशों में उनके विशेष दूतों के रूप में चार वरिष्ठ मंत्रियों की यात्रा नागरिकों को निकालने के प्रयासों को तेज करेगी। यह इस बात को दर्शाता है कि सरकार इस मामले को कितनी प्राथमिकता दे रही है। प्रधान मंत्री ने कहा कि यूक्रेन की सीमाओं पर मानवीय स्थिति से निपटने के लिए यूक्रेन को राहत सामग्री की पहली खेप कल भेजी जाएगी। विश्व के एक परिवार है के भारत के आदर्श वाक्य के तहत पीएम मोदी ने कहा कि भारत पड़ोसी देशों और विकासशील देशों के लोगों की मदद करेगा जो यूक्रेन में फंसे हुए हैं और वो सहायता मांग सकते हैं।
चार मंत्रियों को भेजने का फैसला
इससे पहले आज केंद्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे छात्रों समेत भारतीयों को बाहर निकालने की प्रक्रिया में समन्वय के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों को युद्धग्रस्त देश के पड़ोसी देशों मे भेजने का फैसला किया। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में संपन्न आज की पहली उच्च स्तरीय बैठक में किया गया। पीएम मोदी ने रविवार को भी यूक्रेन संकट पर एक बैठक की अध्यक्षता की थी। सूत्रों ने बताया था कि बैठक में यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ सहयोग और बढ़ाने का फैसला किया गया था, ताकि भारतीय छात्रों को युद्धग्रस्त देश से तेजी से बाहर निकाला जा सके।