- सम्मेलन की मुख्य अतिथि यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन होंगी ।
- आस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री एंथनी एबॉट, स्वीडन के कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर,पूर्व प्रधानमंत्री कार्ल बिल्ट, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद हिस्सा लेंगे ।
- रायसीना डायलॉग की शुरूआत साल 2016 में हुई थी।
Raisina Dialogue:रायसीना डायलॉग के सातवां संस्करण का आगाज नई दिल्ली में हो रहा है। 25-27 अप्रैल तक चलने वाले इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। भारत की बहुपक्षीय विदेश नीति और वैश्विक भू-आर्थिक चुनौतियों पर डायलॉग के लिए आयोजित होने वाले इस सम्मेलन की मुख्य अतिथि यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन होंगी ।
90 देशों के प्रतिनिधि होंगे शामिल
विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रायसीना डायलॉग 2022 में 90 देशों के 210 से अधिक वक्ता भाग लेंगे। जिसमें करीब 100 सत्र आयोजित होंगे। नई दिल्ली के अलावा बर्लिन और वाशिंगटन में साइड इवेंट आयोजित आयोजित होंगे। रायसीना के युवा साथियों का कार्यक्रम भी इस मुख्य सम्मेलन के दौरान आयोजित किया जाएगा।
इन मुद्दों पर केंद्रित होगा सम्मेलन
इस बार रायसीना डायलॉग की थीम टेरा नोवा: भावहीन (Impassioned),अधीर (Impatient)संकटग्रस्त (Imperilled)है। टेरा नोवा, धरती का सबसे पुराना नाम है और इस नाम के थीम के पीछे का उद्देश्य है कि धरती को नए नजरिए से देखना है। इसी थीम के आधार पर इस बार का सम्मेलन 6 बिंदुओं पर केंद्रित होगा। जिसमें लोकतंत्र पर पुनर्विचार: कारोबार, प्रौद्योगिकी एवं विचारधारा, हिन्द प्रशांत क्षेत्र में अशांत समय, हरित बदलाव हासिल करना, जल समूह आदि शामिल हैं ।
कौन से नेता होंगे शामिल
कोविड-19 की वजह से पिछले दो साल से वर्चुअल आयोजित हो रहे है सम्मेलन में इस बार कई विशिष्ट अतिथियों के शामिल होने की उम्मीद है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के अनुसार आस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री एंथनी एबॉट, स्वीडन के कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर,पूर्व प्रधानमंत्री कार्ल बिल्ट, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद हिस्सा लेंगे । इसके अलावा अर्जेंटीना, नार्वे, लिथुवानिया, नीदरलैंड, अरमेनिया,पोलैंड, गुयाना,पुर्तगाल आदि देशों के विदेश मंत्रियों के इसमें हिस्सा लेने की उम्मीद है।
2016 में शुरू हुआ था रायसीना डायलॉग
रायसीना डायलॉग की शुरूआत साल 2016 में हुई थी। हर साल आयोजित होने वाले सम्मेलन में भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की जाती है। सम्मेलन का आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा मिलकर किया जाता है। जिसमें विभिन्न देशों के विदेश, रक्षा और वित्त मंत्री आदि शामिल होते हैं।