- पीएम मोदी क्वॉलकाम, Adobe, ब्लैकस्टोन, फर्स्ट सोलर और जनरल एटॉमिक्स के सीईओ से मिलेंगे।
- Adobe के सीईओ शांतनु नारायण और जनरल एटॉमिक्स के सीईओ विवेक लाल भारतीय मूल के हैं।
- यूनाइटेड स्टेट ट्रेड रिप्रजेंटटिव की रिपोर्ट के अनुसार 2019 में भारत और अमेरिका में 146.1 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था।
PM Modi US Visit: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय दौरे पर अमेरिका पहुंच चुके हैं। दौरे के पहले दिन वह दुनिया की दिग्गज कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करने वाले हैं। इस मुलाकात में वह क्वॉलकाम, एडोबे, ब्लैकस्टोन, फर्स्ट सोलर और जनरल एटॉमिक्स के सीईओ से मिलेंगे। बैठक से साफ है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आईटी सेक्टर, डिफेंस, फाइनेंस, ग्रीन एनर्जी से जुड़ी कंपनियों के दिग्गज को भारत में बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए आमंत्रित करेंगे। जिससे कि मेक इन इंडिया के लक्ष्य के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
भारतीय मूल के हैं दो कंपनियों के सीईओ
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जिन 5 प्रमुख कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करने वाले हैं उसमें एडोबे के सीआई शांतनु नारायण और जनरल एटॉमिक्स के सीईओ विवेक लाल भारतीय मूल के हैं। ऐसे में भारत को उनसे बड़े निवेश की उम्मीद रहेगी। इसके अलावा दुनिया की दिग्गज चिप बनाने वाली कंपनी क्वॉलकाम के सीईओ क्रिस्टियानो अमान, सोलर कंपनी फर्स्ट सोलर के सीईओ मार्क विडमर और फाइनेंशियल कंपनी ब्लैकस्टोन के चेयरमैन एवं सीईओ स्टीफेन ए श्वार्जमैन भी शामिल हो सकते हैं।
क्या काम आ सकते हैं ये सीईओ
- आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एडोबे भारत के डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकती है। कंपनी भारत में नोएडा, गुरूग्राम और बंगलुरू से अपना ऑपरेशन करती है।
- डिफेंस सेक्टर में भारत ने 74 फीसदी एफडीआई की मंजूरी दे रखी है। इसके जरिए उसकी कोशिश है कि भारत में ज्यादा से ज्यादा रक्षा उपकरण का उत्पादन हो सके। जिससे उसकी आयात पर निर्भरता कम हो सके। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरे में डिफेंस क्षेत्र के दिग्गजों से इसी तरह के निवेश की उम्मीद करेंगे। जनरल एटॉमिक्स जो कि मिलिट्री ड्रोन टेक्नोलॉजी में दुनिया की दिग्गज कंपनियों में से एक हैं। ऐसे में वह भारतीय सेना के लिए ऐसे ड्रोन की आपूर्ति में मदद कर सकती है।
- क्वॉलकाम के सीईओ क्रिस्टियानो अमान से मुलाकात भी काफी अहम होने वाली है। यह कंपनी सेमीकंडक्टर उत्पादन, सॉफ्टवेयर, वॉयरलेस टेक्नोलॉजी सर्विस में प्रमुख रुप से काम करती है। इनके जरिए भारत में 5जी तकनीकी का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और उसके इस्तेमाल में सहयोग मिल सकता है। साथ ही 5जी तकनीकी के इस्तेमाल से सुरक्षा को लेकर उठे सवालों की चिंताएं दूर करने की भी कोशिश हो सकती है। इसके जरिए भारत में ऑटोमोटिव, आईओटी आदि के क्षेत्र में बड़ा निवेश हो सकता है।
- सोलर पॉवर के क्षेत्र में फर्स्ट सोलर भारत के ग्रीन एनर्जी अभियान में काफी सहयोगी हो सकती है। फर्स्ट सोलर कॉम्प्रिहेंसिव फोटोवोल्टिक सोलर सॉल्यूशंस बनाने वाले अग्रणी कंपनी है। जिसका सोलर एनर्जी क्षेत्र के एडवांस सिस्टम में इस्तेमाल किया जाता है। इसी साल फर्स्ट सोलर ने भारत में 68.4 करोड़ डॉलर के निवेश का ऐलान किया था। जिसके जरिए 3.3 गीगावॉट सोलर क्षमता विकसित की जाएगी।
- भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2022 तक ग्रिड से जुड़े हुए 100 गीगावॉट पॉवर प्लांट स्थापित किए जाएं। साल 2019 तक भारत में 30 गीगा वॉट क्षमता स्थापित हो चुकी थी। सरकार का 2030 तक अपनी कुल बिजली की मांग (2005 के आधार पर) का 40 फीसदी नॉन फॉसिल्स आधारित उर्जा स्रोतों से पूरा करने का लक्ष्य है। जिसमें सोलर पॉवर की अहम भूमिका रहेगाी। इसी तरह ब्लैकस्टोन दुनिया दिग्गज फाइनेंशियल कंपनी है जो पेंशन फंड, बड़ी संस्थाओं और बड़े इनवेस्टर्स की ओर से निवेश करती है।
भारत-अमेरिका के बीच व्यापार
यूनाइटेड स्टेट ट्रेड रिप्रजेंटटिव की रिपोर्ट के अनुसार 2019 में भारत और अमेरिका में 146.1 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था। इसमें भारत को 58.6 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था, जबकि 87.4 अरब डॉलर का भारत से आयात किया गया था। भारत अमेरिका 9 वां सबसे बड़ा गुड्स ट्रेडिंग पार्टनर था। इसी तरह सर्विस सेक्टर में भारत 54.1 अरब डॉलर का कुल व्यापार किया गया गया। जिसमें 24.3 अरब डॉलर अमेरिका ने निर्यात किया , जबकि 29.7 अरब डॉलर की सेवाएं भारत से आयात की गईं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)