नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को जैन आचार्य विजय वल्लभ सुरिश्वर जी महाराज की 151वीं जयंती समारोह के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'स्टैच्यू ऑफ पीस' का अनावरण किया। 151 इंच ऊंची, यह प्रतिमा अष्टधातु यानी 8 धातुओं से बनाई गई है, जिसमें तांबा प्रमुख घटक है।
इसे राजस्थान के पाली में विजय वल्लभ साधना केंद्र, जैतपुरा में स्थापित किया जा रहा है। विजय वल्लभ सुरिश्वर जी महाराज (1870-1954) ने एक जैन संत के रूप में सादगीपूर्ण जीवन जीते हुए निस्वार्थ और समर्पण भाव से भगवान महावीर के संदेश को जन-जन तक ले जाने का काम किया।
उन्होंने जनता के कल्याण और शिक्षा के प्रसार में अहम योगदान दिया। सामाजिक बुराइयों के खात्मे के लिए भी उन्होंने अथक परिश्रम किया।
आचार्य वल्लभ महाराजा ने कविता, निबंध, भक्ति भजन भी लिखे और आजादी के आंदोलन और स्वदेशी के उद्देश्य को सक्रिय समर्थन दिया।
आचार्य वल्लभ की प्रेरणा से, कई राज्यों में कॉलेजों, स्कूलों और अध्ययन केंद्रों सहित 50 से अधिक शिक्षण संस्थान संचालित हैं। उनके सम्मान में अनावरण की जाने वाली प्रतिमा को 'स्टैच्यू ऑफ पीस' का नाम दिया गया है।