- चेन्नई से अंडमान निकोबार द्वीप समूह तक बिछाया गया ऑप्टिकल फाइबर केबल
- ऑप्टिकल फाइबर केबल के जरिए द्वीप पर रहने वाले लोगों को मिलेगा बेहतर इंटरनेट
- 2300 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने में 1224 करोड़ रुपए का खर्च आया है
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के समुद्र के बीच बिछाई गए ऑप्टिकल फाइबर केबल परियोजना का उद्घाटन किया। परियोजना का उद्घाटन करते हुए पीएम ने कहा कि समुद्र के नीचे 2300 किलोमीटर लंबी केबल बिछाने का काम समय से पहले पूरा किया गया है जो कि प्रशंसनीय है। पीएम ने कहा कि समुद्र की गहराइयों में सर्वे करना, केबल की गुणवत्ता बनाए रखना एवं विशेष जहाजों के जरिए केबल बिछाना आसान काम नहीं है। पीएम ने कहा कि अंडमान-निकोबार को बाकी देश और दुनिया से जोड़ने वाला ये ऑप्टिकल फाइबर प्रोजेक्ट, ईज ऑफ लिविंग के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। आज अंडमान को जो सुविधा मिली है, उसका बहुत बड़ा लाभ वहां जाने वाले टूरिस्टों को भी मिलेगा।
यह फाइबर केबल पोर्ट ब्लेयर के अन्य द्वीपों, स्वराज द्वीप, लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कमोरटा, ग्रेट निकोबार, लॉन्ग आइलैंड एवं रंगत को भी जोड़ेगा। इस ओएफसी से अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में इंटरनेट की स्पीड देश के बाकी हिस्सों की तरह काफी तेज हो जाएगी। इस परियोजना की नीव पीएम मोदी ने 30 दिसंबर 2018 को पोर्ट ब्लेयर में रखी थी। इस ऑप्टिकल फाइबर के शुरू हो जाने पर चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच पर सेकेंड 2X200 गीगाबिट की बैंडविथ मिलेगी जबकि पोर्ट ब्लेयर एवं अन्य द्वीपों के बीच इसकी गति पर सेकेंड 2x100 गीगाबिट की होगी।
पीएम ने किया ट्वीट
इस परियोजना का उद्घाटन करने से पहले पीएम मोदी ने आज सुबह एक ट्वीट किया। पीएम ने कहा कि अंडमान निकोबार द्वीप पर रहने वाले हमारे बहनों एवं भाइयों के लिए 10 अगस्त खास दिन है।
द्वीपों पर बेहतर होगी इंटरनेट सुविधा
अभी इन द्वीप समूहों पर उपग्रह के जरिए लिमिटेड बैंडविथ मिलता था लेकिन फाइबर केबल से इंटरनेट पहुंचने पर लोगों की नेट सर्फिंग अब आसाना हो जाएगी। सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'उन्नत टेलिकॉम एवं ब्राडबैंड कनेक्टिविटी से यहां के द्वीपों पर पर्यटन को बढ़ावा एवं रोजगार मिलेगा। इससे लोगों का जीवन स्तर में सुधार आने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा। इंटरनेट की बेहतर सुविधा होने से लोग इ-गवर्नेंस एवं टेलि-एजुकेशन सुविधा का लाभ भी उठा पाएंगे।'
समुद्र में 2300 किलोमीटर बिछा है केबल
बताया गया है कि समुद्र के नीचे 2300 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने में करीब 1224 करोड़ रुपए का खर्च आया है और इस परियोजना को तय समय सीमा के भीतर पूरा कर लिया गया है।