- पीएम मोदी ने मन की बात के जरिए किया कई बातों का जिक्र
- पीएम मोदी ने देशवासियों को दिलाई 1975 की इमरजेंसी की याद
- आपातकाल के दौरान भारत के लोकतंत्र को कुचल देने का प्रयास किया गया था- पीएम मोदी
Mann Ki Baat Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने 1975 की इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कहा कि आज, जब देश अपनी आज़ादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहा है, अमृत महोत्सव मना रहा है, तो आपातकाल के उस भयावह दौर को भी हमें कभी भी भूलना नहीं चाहिए। नौजवानों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'क्या आपको पता है कि आपके माता-पिता जब आपकी उम्र के थे तो एक बार उनसे जीवन का भी अधिकार छीन लिया गया था! आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है? ये तो असंभव है। लेकिन मेरे नौजवान साथियो, हमारे देश में एक बार ऐसा हुआ था। ये बरसों पहले उन्नीस सौ पिचहत्तर की बात है। जून का वही समय था जब emergency लगाई गई थी, आपातकाल लागू किया गया था।'
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-मेरे प्यारे देशवासियो, हमेशा की तरह इस बार भी ‘मन की बात’ के जरिए आप सभी से जुड़ने का ये अनुभव बहुत ही सुखद रहा | हमने देशवासियों की सफलताओं और उपलब्धियों की चर्चा की। इस सबके बीच, हमें, कोरोना के खिलाफ सावधानी को भी ध्यान रखना है | हाँलाकि, संतोष की बात है कि आज देश के पास वैक्सीन का व्यापक सुरक्षा कवच मौजूद है | हम 200 करोड़ वैक्सीन डोज़ के करीब पहुँच गए हैं। देश में तेजी से precaution dose भी लगाई जा रही है | अगर आपकी second dose के बाद precaution dose का समय हो गया है, तो आप, ये तीसरी dose जरुर लें- पीएम मोदी
-साथियो, अहमदाबाद हो या पुरी, भगवान् जगन्नाथ अपनी इस यात्रा के जरिए हमें कई गहरे मानवीय सन्देश भी देते हैं। भगवान जगन्नाथ जगत के स्वामी तो हैं ही, लेकिन, उनकी यात्रा में गरीबों, वंचितों की विशेष भागीदारी होती है | भगवान् भी समाज के हर वर्ग और व्यक्ति के साथ चलते हैं। ऐसे ही हमारे देश में जितनी भी यात्राएं होती हैं, सबमें गरीब-अमीर, ऊंच-नीच ऐसे कोई भेदभाव नजर नहीं आते | सारे भेदभाव से ऊपर उठकर, यात्रा ही, सर्वोपरि होती है। जैसे कि महाराष्ट्र में पंढरपुर की यात्रा के बारे में आपने जरुर सुना होगा | पंढरपुर की यात्रा में, कोई भी, न बड़ा होता है, न छोटा होता है | हर कोई वारकरी होता है, भगवान् विट्ठल का सेवक होता है। अभी 4 दिन बाद ही 30 जून से अमरनाथ यात्रा भी शुरू होने जा रही है | पूरे देश से श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर पहुँचते हैं। जम्मू कश्मीर के स्थानीय लोग उतनी ही श्रद्धा से इस यात्रा की ज़िम्मेदारी उठाते हैं, और, तीर्थयात्रियों का सहयोग करते हैं- पीएम मोदी
-अभी कुछ ही दिनों में 1 जुलाई से भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध यात्रा शुरू होने जा रही है | ओड़िसा में, पुरी की यात्रा से तो हर देशवासी परिचित है | लोगों का प्रयास रहता है कि इस अवसर पर पुरी जाने का सौभाग्य मिले। सरे राज्यों में भी जगन्नाथ यात्रा खूब धूमधाम से निकाली जाती हैं | भगवान जगन्नाथ यात्रा आषाढ़ महीने की द्वितीया से शुरू होती है। हमारे ग्रंथों में ‘आषाढस्य द्वितीयदिवसे...रथयात्रा’, इस तरह संस्कृत श्लोकों में वर्णन मिलता है। गुजरात के अहमदाबाद में भी हर वर्ष आषाढ़ द्वितीया से रथयात्रा चलती है | मैं गुजरात में था, तो मुझे भी हर वर्ष इस यात्रा में सेवा का सौभाग्य मिलता था। आषाढ़ द्वितीया, जिसे आषाढ़ी बिज भी कहते हैं, इस दिन से ही कच्छ का नववर्ष भी शुरू होता है | मैं, मेरे सभी कच्छी भाईयो-बहनों को नववर्ष की शुभकामनाएँ भी देता हूँ- पीएम मोदी
-मेरे प्यारे देशवासियो, हमारे उपनिषदों का एक जीवन मन्त्र है –‘चरैवेति-चरैवेति-चरैवेति’ - आपने भी इस मन्त्र को जरुर सुना होगा। इसका अर्थ है – चलते रहो, चलते रहो। ये मंत्र हमारे देश में इतना लोकप्रिय इसलिए है क्योंकि सतत चलते रहना, गतिशील बने रहना, ये, हमारे स्वभाव का हिस्सा है | एक राष्ट्र के रूप में, हम, हजारों सालों की विकास यात्रा करते हुआ यहाँ तक पहुँचे हैं। एक समाज के रूप में, हम हमेशा, नए विचारों, नए बदलावों को स्वीकार करके आगे बढ़ते आए हैं | इसके पीछे हमारे सांस्कृतिक गतिशीलता और यात्राओं का बहुत बड़ा योगदान है। इसीलिये तो, हमारे ऋषियों मुनियों ने तीर्थयात्रा जैसी धार्मिक जिम्मेदारियाँ हमें सौंपी थीं | अलग-अलग तीर्थ यात्राओं पर तो हम सब जाते ही हैं। आपने देखा है कि इस बार चारधाम यात्रा में किस तरह बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए | हमारे देश में समय-समय पर अलग-अलग देव-यात्राएं भी निकलती हैं | देव यात्राएं, यानी, जिसमें केवल श्रद्धालु ही नहीं बल्कि हमारे भगवान भी यात्रा पर निकलते हैं- पीएम मोदी
राजस्थान के उदयपुर में ऐसी ही सैकड़ों साल पुरानी एक बावड़ी है – ‘सुल्तान की बावड़ी’ | इसे राव सुल्तान सिंह ने बनवाया था, लेकिन, उपेक्षा के कारण धीरे–धीरे ये जगह वीरान होती गयी और कूड़े–कचरे के ढेर में तब्दील हो गयी है। सुल्तान की बावड़ी की सफाई के बाद, उसे सजाने के बाद, वहां, सुर और संगीत का कार्यक्रम होता है | इस बदलाव की इतनी चर्चा है, कि, विदेश से भी कई लोग इसे देखने आने लगे हैं। इस सफल प्रयास की सबसे ख़ास बात ये है कि अभियान शुरू करने वाले युवा chartered accountants हैं। हम, अपने जल-स्त्रोतों को, संगीत और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों से जोड़कर उनके प्रति इसी तरह जागरूकता का भाव पैदा कर सकते हैं। जल संरक्षण तो वास्तव में जीवन संरक्षण है - पीएम मोदी
-साथियो, इस समय जब मैं आपसे बात कर रहा हूँ, तो हिमाचल प्रदेश में एक अनोखी cycling rally भी चल रही है | मैं इस बारे में भी आपको बताना चाहता हूँ | स्वच्छता का सन्देश लेकर साइकिल सवारों का एक समूह शिमला से मंडी तक निकला है। पहाड़ी रास्तों पर करीब पौने दो सौ किलोमीटर की ये दूरी, ये लोग, साइकिल चलाते हुए ही पूरी करेंगे | इस समूह में बच्चे भी और बुज़ुर्ग भी हैं। हमारा पर्यावरण स्वच्छ रहे, हमारे पहाड़-नदियाँ, समंदर, स्वच्छ रहें, तो, स्वास्थ्य भी, उतना ही बेहतर होता जाता है | आप मुझे, इस तरह के प्रयासों के बारे में जरुर लिखते रहिए - पीएम मोदी
-मेरे प्यारे देशवासियो, हम ‘मन की बात’ में waste to wealth से जुड़े सफल प्रयासों की चर्चा करते रहे हैं | ऐसा ही एक उदाहरण है, मिज़ोरम की राजधानी आइजवाल का। नदी की सफाई के इस अभियान ने waste से wealth creation का अवसर भी बना दिया है | दरअसल, इस नदी में और इसके किनारों पर बहुत बड़ी मात्रा में प्लास्टिक और पॉलिथीन का कचरा भरा हुआ था। नदी को बचाने के लिए काम कर रही संस्था ने, इसी पॉलिथिन से, सड़क बनाने का फैसला लिया, यानि, जो कचरा नदी से निकला, उससे मिज़ोरम के एक गाँव में, राज्य की, पहली प्लास्टिक रोड बनाई गई, यानि, स्वच्छता भी और विकास भी- पीएम मोदी
-साथियो, जब बात खेलों की हो रही है, तो मैं आज, भारत की सर्वाधिक प्रतिभाशाली क्रिकेटरों में, उनमें से एक, मिताली राज की भी चर्चा करना चाहूँगा I उन्होंने, इसी महीने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है, जिसने कई खेल प्रेमियों को भावुक कर दिया है। मिताली, महज एक असाधारण खिलाड़ी नहीं रही हैं, बल्कि, अनेक खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत भी रही हैं I मैं, मिताली को उनके भविष्य के लिए ढ़ेर सारी शुभकामनाएं देता हूँ- पीएम मोदी
मेरे प्यारे देशवासियो, ‘मन की बात’ में, अब एक ऐसे विषय की बात, जिसे सुनकर आपका मन प्रफुल्लित भी होगा और आपको प्रेरणा भी मिलेगी । बीते दिनों, हमारे ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता नीरज चोपड़ा फिर से सुर्ख़ियों में छाए रहे | ओलंपिक के बाद भी, वो, एक के बाद एक, सफलता के नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहें हैं। Kuortane Games में नीरज ने एक बार फिर गोल्ड जीतकर देश का गौरव बढ़ाया | ये गोल्ड उन्होंने ऐसे हालातों में जीता जब वहाँ का मौसम भी बहुत ख़राब था। Finland में नीरज ने Paavo Nurmi Games में सिल्वर जीता | यही नहीं | उन्होंने अपने ही Javelin Throw के Record को भी तोड़ दिया- पीएम मोदी
अभी हाल में ही आयोजित हुए Khelo India Youth Games में भी हमारे खिलाड़ियों ने कई Record बनाए | आपको जानकर अच्छा लगेगा कि इन खेलों में कुल 12 Record टूटे हैं - इतना ही नहीं, 11 Records महिला खिलाड़ियों के नाम दर्ज हुए हैं। मणिपुर की M. Martina Devi ने Weightlifting में आठ Records बनाए हैं। इसी तरह संजना, सोनाक्षी और भावना ने भी अलग-अलग रिकार्ड्स बनाये हैं। अपनी मेहनत से इन खिलाडियों ने बता दिया है कि आने वाले समय में अन्तर्राष्ट्रीय खेलों में भारत की साख कितनी बढ़ने वाली है। मैं इन सभी खिलाडियों को बधाई भी देता हूँ और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ भी देता हूँ। इन खिलाड़ियों ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया और सफलता के इस मुकाम तक पहुंचे हैं I इनकी सफलता में, इनके परिवार, और माता- पिता की भी, बड़ी भूमिका है- पीएम मोदी
-साथियो, In-Space के कार्यक्रम में, मैं, मेहसाणा की School Student बेटी तन्वी पटेल से भी मिला था | वो एक बहुत ही छोटी Satellite पर काम कर रही है, जो अगले कुछ महीनों में Space में Launch होने जा रही है। तन्वी की तरह ही देश के करीब साढ़े सात सौ School Students, अमृत महोत्सव में ऐसे ही 75 Satellites पर काम कर रहे हैं, और भी खुशी की बात है, कि, इनमें से ज्यादातर Students देश के छोटे शहरों से हैं। साथियो, ये वही युवा हैं, जिनके मन में आज से कुछ साल पहले Space Sector की छवि किसी Secret Mission जैसी होती थी, लेकिन, देश ने Space Reforms किए, और वही युवा अब अपनी Satellite Launch कर रहे हैं। जब देश का युवा आकाश छूने को तैयार है, तो फिर हमारा देश कैसे पीछे रह सकता है- पीएम मोदी
-बचपन में हर किसी को आकाश के चाँद-तारे उनकी कहानियाँ आकर्षित करती हैं | युवाओं के लिए आकाश छूना, सपनों को साकार करने का पर्याय होता है। आज हमारा भारत जब इतने सारे क्षेत्रों में सफलता का आकाश छू रहा है, तो आकाश, या अन्तरिक्ष, इससे अछूता कैसे रह सकता है! बीते कुछ समय में हमारे देश में Space Sector से जुड़े कई बड़े काम हुए हैं। देश की इन्हीं उपलब्धियों में से एक है In-Space नाम की Agency का निर्माण | एक ऐसी Agency, जो Space Sector में, भारत के Private Sector के लिए नए अवसरों को Promote कर रही है | इस शुरुआत ने हमारे देश के युवाओं को विशेष रूप से आकर्षित किया है। आप भी जब इनके बारे में जानेंगे तो हैरान हुए बिना नहीं रह पाएँगे, जैसे कि, Space Start-Ups की संख्या और Speed को ही ले लीजिये। छ दिन पहले जब मैं In-Space के headquarter के लोकार्पण के लिए गया था, तो मैंने कई युवा Start-Ups के Ideas और उत्साह को देखा | मैंने उनसे काफी देर तक बातचीत भी की। आज से कुछ साल पहले तक हमारे देश में, Space Sector में, Start-Ups के बारे में, कोई सोचता तक नहीं था | आज इनकी संख्या सौ से भी ज्यादा है- पीएम मोदी
- इमरजेंसी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा- 'उस समय भारत के लोकतंत्र को कुचल देने का प्रयास किया गया था | देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस, सब पर नियंत्रण लगा दिया गया था | Censorship की ये हालत थी कि बिना स्वीकृति कुछ भी छापा नहीं जा सकता था। मुझे याद है, तब मशहूर गायक किशोर कुमार जी ने सरकार की वाह-वाही करने से इनकार किया तो उन पर बैन लगा दिया गया | रेडियो पर से उनकी entry ही हटा दी गई। लेकिन बहुत कोशिशों, हजारों गिरफ्तारियों, और लाखों लोगों पर अत्याचार के बाद भी, भारत के लोगों का, लोकतंत्र से विश्वास डिगा नहीं, रत्ती भर नहीं डिगा। भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से ही emergency को हटाकर, वापस, लोकतंत्र की स्थापना की | तानाशाही की मानसिकता को, तानाशाही वृति-प्रवृत्ति को लोकतांत्रिक तरीके से पराजित करने का ऐसा उदाहरण पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है।'