- कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पीएम मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है
- इस दौरान जरूरत की सभी चीजें मिलेंगी, पीएम ने लोगों से घर से बाहर न निकलने की अ
- राज्यों ने भी उठाए हैं एहतियाती कदम, महाराष्ट्र, पंजाब सहित कई राज्यों ने लागू किया है कर्फ्यू
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अब 165 से ज्यादा देश शामिल हो चुके हैं। चीन में यह तबाही बरपाने के बाद इटली और ईरान हजारों लोगों को लील चुका है। कोरोना वायरस से दुनियाभर में मरने वाले लोगों की संख्या 18,915 हो गई और 165 से अधिक देशों तथा क्षेत्रों में संक्रमण के 422,900 से अधिक मामले सामने आए है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में बुधवार को कोरोना वायरस के मामले बढ़कर अबतक 562 हो गए। अब प्रधानमंत्री के दूसरे संबोधन के बाद यह बात साफ हो चुकी है कि अब नहीं तो कभी नहीं। अगर फिलहाल हम नहीं चेते तो फिर कोरोना वायरस हमें दूसरा मौका नहीं देगा और फिर जो होगा वह कल्पना से परे होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधे घंटे के संबोधन में कई बातें कहीं लेकिन उसमें जो समझने वाली बात है वो ये कि इन बातों का सरोकार पाबंदी से नहीं है। बल्कि इनका सरोकार हमारे उस अमूल्य जीवन से है जिनका पालन कर हम खुद को अपने परिवार को,समाज को और देश को बचा सकते हैं।
जनता कर्फ्यू
जनता कर्फ़्यू का सीधा मतलब यह कि जनता खुद पर अनुशासन रखें और बिना इमरजेंसी के वह घर से बाहर बिल्कुल भी कदम नहीं रखें। तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि जनता कर्फ्यू को हर भारतवासी ने सफल बनाया। एक दिन के जनता कर्फ़्यू से भारत ने दिखा दिया कि जब देश पर संकट आता है, जब मानवता पर संकट आता है तो किस प्रकार से हम सभी भारतीय मिलकर, एकजुट होकर उसका मुकाबला करते हैं। अब हमें 21 दिन का जनता कर्फ्यू खुद लगाना है। इसका पालन तभी होगा जब हम अनुशासित होकर उनकी बात मानेंगे। एक दूसरे से दूर रहना, अपने घरों में ही बंद रहना। घर से बाहर नहीं निकला। अब इन्हें हमें हर हाल में पालन करना ही होगा। क्योंकि हमारे सामने फिलहाल इससे अलावा कोई ठोस विकल्प नहीं बचा है।
सोशल डिस्टैंसिंग
पूरी दुनिया में यह बात साबित हो चुकी है इस कोरोना वायरस के खिलाफ उन देशों ने ही ताकतवर लड़ाई लड़कर कोरोना को मात दी जिन्होंने इसका कड़ाई से पालन किया। चीन और स्पेन जैसे देशों ने इसका पालन कड़ाई से किया। वो जनता के बीच यह संदेश भेजने और लागू करने में कामयाब रहे कि कोरोना के खिलाफ जंग लड़नी है तो सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। मिलना-जुलना,सैर-सपाटा,पार्टी, ये सब चीजें सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करती है। कोरोना के खिलाफ जंग में यह एक अचूक और कारगर हथियार है। इसलिए प्रधानमंत्री ने भी अपने संबोधन में कहा कि दो महीनों के अध्ययन से जो निष्कर्ष निकल रहा है, और एक्सपर्ट्स भी यही कह रहे हैं कि कोरोना से प्रभावी मुकाबले के लिए एकमात्र विकल्प है- Social Distancing। कोरोना के खिलाफ इस जंग में यानी इस लड़ाई में मूलभूत बात सामाजिक दूरी है और इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि समाज इस सामाजिक जिम्मेदारी को किस प्रकार निभाता है। जिन्होंने इसका पालन किया वो कोरोना की जद से बाहर निकल गए और जिन्होंने नहीं किया वहां कोरोना ने अपना कहर बरपा दिया।
PM ने सोशल डिस्टेंसिंग पर दूर की भ्रांति
सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कई लोगों में गलतफहमी है। तभी प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर प्रकाश डाला। कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग केवल बीमार लोगों के लिए आवश्यक है। ये सोचना सही नहीं। सोशल डिस्टेंसिंग हर नागरिक के लिए है, हर परिवार के लिए है, परिवार के हर सदस्य के लिए है। कुछ लोगों की लापरवाही, कुछ लोगों की गलत सोच, आपको, आपके बच्चों को, आपके माता पिता को, आपके परिवार को, आपके दोस्तों को, पूरे देश को बहुत बड़ी मुश्किल में झोंक देगी। अगर ऐसी लापरवाही जारी रही तो भारत को इसकी कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
लॉकडाउन
देश में अब 21 दिन का लॉकडाउन हो चुका है। देश के हर राज्य को, हर केंद्र शासित प्रदेश को, हर जिले, हर गांव, हर कस्बे, हर गली-मोहल्ले को अब लॉकडाउन हो चुका है जो एक तरह से कर्फ्यू ही है। प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि आपको और आपके पूरे परिवार को अगर इस बीमारी से बचना है तो घर में रहिए। बाहर मत निकलिए। इसलिए उन्होंने कहा कि हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो, कोरोना वायरस की संक्रमण सायकिल तोड़ने के लिए कम से कम 21 दिन का समय बहुत अहम है। अगर ये 21 दिन नहीं संभले तो देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएगा। अगर ये 21 दिन नहीं संभले तो कई परिवार हमेशा-हमेशा के लिए तबाह हो जाएंगे।
अब इसका प्रभाव आप समझने की कोशिश कीजिए। कोरोना इंसान से इंसानों में फैलता है। ट्रेन में रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं जिसका परिचालन अब 14 अप्रैल तक बंद हो चुकी है। अंतर राज्यीय बसों के अलावा मेट्रों का भी संचालन देशभर में बंद हो चुका है। देश में अब विमानों का भी परिचालन बंद हो चुका है। लिहाजा अब सरफेस ट्रेवल के साथ एयर ट्रेवल के जरिए लोग एक दूसरे के संपर्क में नहीं आएंगे। एक तरह से मोदीजी ने ये लॉकडाउन कर कोरोना के चेन पर ठोस ब्रेक लगाया है। इसलिए उन्होंने कहा कि कोरोना को फैलने से रोकना है, तो इसके संक्रमण की सायकिल को तोड़ना ही होगा।
अब देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह जिम्मेदारी बनती है हम प्रधानमंत्री की बातों का कड़ाई से पालन करें।कोरोना के खिलाफ प्रधानमंत्री के आह्वान में सहयोग दें। क्योंकि हालात अभी उतने गंभीर नहीं है। लेकिन अगर इस वक्त हमने गंभीरता नहीं बरती तो फिर हालात इस कदर बेकाबू होंगे जिसे संभालना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए यह जरुरी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों का,उनके निर्देशों का हम अपने,अपने परिवार और अपने देश की खातिर कड़ाई और कठोर अनुशान के साथ पालन करें।