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मुख्यमंत्रियों के साथ PM मोदी की बैठक, 6 घंटे तक चला मंथन, हर किसी ने रखा अपना पक्ष

Updated May 12, 2020 | 00:23 IST

PM Modi Conference: देश भर के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंबी बैठक की। बैठक में हर मुख्यमंत्री ने अपना-अपना पक्ष रखा, और अपनी मांगें भी पीएम के सामने रखीं।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की बैठक।
मुख्य बातें
  • बैठक में आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने पर हुई मुख्य रूप से चर्चा
  • लॉकडाउन के बाद मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की यह पांचवी बैठक थी
  • कोरोना के इस दौर में सभी राज्यों को राजस्व का भारी नुकसान हुआ है

नई दिल्ली : देश में जारी लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक बार फिर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। ये बैठक काफी लंबी रही। करीब 6 घंटे तक ये बैठक चली। इस बैठक में कई मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की, जबकि कई ने कहा कि इस पर फैसला राज्यों पर छोड़ा जाए। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती रियायतों के बाद भी कोविड-19 को गांवों तक फैलने से रोकने की होगी। उन्होंने कहा कि जहां भी हमने सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया, हमारी समस्याएं बढ़ गईं। पूरी दुनिया मानती है कि भारत खुद को कोविड-19 से सफलतापूर्वक सुरक्षित रख पाया है, राज्यों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि आप जो सुझाव देते हैं, उसके आधार पर हम देश की आगे की दिशा तय कर पाएंगे।

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  • बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, 'केंद्र सरकार लॉकडाउन पर जो भी फैसला लेगी हम उससे सहमत होंगे लेकिन हमारी सलाह है कि मई के अंत तक लॉकडाउन का विस्तार किया जाए।'
     
  • CMO उत्तर प्रदेश ने बताया, 'कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत आदरणीय PM मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ आज मुख्यमंत्रियों की बैठक के दौरान CM योगी आदित्यनाथ ने यूपी की अपेक्षाओं को प्रस्तुत किया तथा विभिन्न दिशा-निर्देश प्राप्त किए।'
     
  • दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'दिल्ली के कंटेनमेंट जोन को छोड़कर सभी हिस्सों में आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए।' वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मई में मामले चरम पर होने की उम्मीद है, ये जून या जुलाई में भी चरम पर पहुंच सकते हैं। मैंने पढ़ा है कि वुहान में मामलों की दूसरी लहर देखी जा रही है, यहां तक कि  WHO ने इस बारे में चेतावनी दी है। इसलिए, मेरा सुझाव है कि लॉकडाउन पर कोई भी कार्रवाई सावधानी से की जानी चाहिए, मेरा अनुरोध है कि अगर जरूरत पड़ी तो राज्य को केंद्रीय बल तैनात किया जाए क्योंकि पुलिस भारी दबाव में है और जवान भी संक्रमित हो रहे हैं।
     
  • वहीं पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने कहा, 'जब भारत सरकार ने सीमाओं को खोलना, ट्रेनों को शुरू करने और हवाई अड्डों को खोलने सहित लगभग सब कुछ खोल दिया है, तो ऐसे में लॉकडाउन को जारी रखने का क्या तर्क है। हम इस संकट में एक साथ हैं। हालांकि, पश्चिम बंगाल को केंद्र सरकार द्वारा राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए टारगेट किया गया है।' इसके अलावा केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, राज्यों को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए उन्हें लॉकडाउन से संबंधित दिशानिर्देशों में उचित बदलाव करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए।
     
  • 'दो गज की दूरी' का पालन करना जरूरी
    पीएम मोदी ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इस संकट से ग्रामीण भारत मुक्त रहे।  आगे बढ़ते हुए हमें यह देखना होगा कि यह महामारी न फैले। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हमें सभी एहतियात बरतने होंगे। हमें 'दो गज की दूरी' का पालन करना होगा। 
     
  • मुख्यमंत्रियों ने रखे अपने विचार
    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्यों के पास अपने यहां आर्थिक गतिविधियां शुरू करने को लेकर फैसला करने का अधिकार होना चाहिए। उनके पास रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन घोषित करने का भी अधिकार होना चाहिए। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पीएम से यात्री रेल सेवाएं शुरू करने की अपील की। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक सुविचारित रणनीति के साथ लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने का समर्थन किया। उन्होंने राज्यों के आर्थिक हालत सुधारने पर जोर दिया।
  • ममता ने केंद्रीय टीम का मसला उठाया
    सूत्रों के मुताबिक बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोविड-19 पर गठित केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) का मुद्दा उठाया। बनर्जी ने कहा कि गृह मंत्रालय की ओर से रोज नए नए फरमान उनके राज्य के लिए जारी होते हैं। उनके पास संसाधन सीमित हैं जिसकी वजह से उन्हें निर्देशों का पालन कराने में समस्या आती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बिना राज्य सरकार से बात किए इस तरह की केंद्रीय टीम राज्य में भेज देती है। 
  • पीएम ने तीन महत्पूर्ण बातें कहीं
    बैठक की शुरुआत में पीएम मोदी ने तीन चीजें बहुत स्पष्ट तरीके से कही हैं। पहली बात यह है कि दुनिया यह मान रही है कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की मुहिम काफी प्रभावी रही है। दूसरा सभी राज्य सरकारों ने अपनी जिम्मादारियों का निर्वहन प्रभावी तरीके से किया है। तीसरा बात पीएम ने यह कही कि इतने बड़े देश में हम लोगों को यह बात समझाने में सफल रहे हैं कि यह एक महामारी है और इससे निपटने में उनका सहयोग जरूरी है। पीएम ने कहा कि 17 मई के बाद क्या फैसला होगा इसके बारे में सबकी बातें सुनने के बाद फैसला लिया जाएगा।
  • लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में है बिहार सरकार
    सूत्रों के मुताबिक बिहार सरकार लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के पक्ष में है।  स्पेशल ट्रेनों की शुरुआत हो जाने से बिहार में अन्य प्रदेशों से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर पहुंचेंगे। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से बैठक में प्रवासी मजदूरों का मुद्दा उठाना तय माना जा रहा है। 
  • ममता बनर्जी ले रहीं हिस्सा
    पश्चिम बंगाल की तरफ से इस बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिस्सा ले रही हैं। कोविड-19 पर सहयोग को लेकर हाल के दिनों में केंद्र सरकार और ममता सरकार के बीच तनातनी देखने को मिली है। केंद्र का आरोप है कि ममता सरकार ने केंद्रीय टीम का सहयोग नहीं किया। जबकि टीएमसी का कहना है कि भाजपा केंद्रीय मशीनरी का इस्तेमाल अपने राजनीतिक लाभ के लिए करना चाहती है।  
  • बैठक में अमित शाह भी मौजूद
    कोविड-19 की स्थिति पर पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की हो रही इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद हैं। बैठक में कोविड-18 पर गंभीर मंथन का दौर जारी है। मुख्यमंत्रियों की राय सुनने के बाद पीएम 17 मई के बाद के बारे में फैसला करेंगे। 
  • बैठक में चौहान, बघेल मौजूद
    पीएम मोदी के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक की तस्वीरें आने लगी हैं। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है। इस बैठक में छत्तीसगढ़ से वहां के सीएम भूपेश बघेल हिस्सा ले रहे हैं। जबकि मध्य प्रदेश से शिवराज सिंह चौहान इस बैठक में मौजूद हैं। मध्य प्रदेश में भी कोविड-19 की स्थिति गंभीर है।
  • सभी मुख्यमंत्री रखेंगे अपनी बात
    लॉकडाउन के बाद पहली बार सभी राज्यों के मुख्यमंत्री पीएम के समक्ष अपनी बात रखेंगे। प्रधानमंत्री सभी मुख्यमंत्रियों की बातें सुनेंगे। पिछली बैठकों में कुछ मुख्यमंत्रियों ने शिकायत की थी कि उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला। बताया जा रहा है कि यह बैठक रात 9.30 बजे तक चलेगी और इसके बीच में केवल आधे घंटे का ब्रेक होगा।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोविड-19 की स्थिति पर सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में कोविड-19 के ताजा हालात और इससे निपटने के उपायों पर चर्चा हो सकती है। मुख्यमंत्री अपने यहां की स्थिति पीएम के समक्ष रखेंगे।

30 मुख्यमंत्री रखेंगे अपनी बात
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री के साथ होने वाली इस बैठक में 30 मुख्यमंत्री अपनी बात रखेंगे। लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू होने से पहले पीएम के साथ हुई बैठक में केवल 9 मुख्यमंत्री अपनी बात रख पाए थे। इस बात का ध्यान रखते हुए कि कोविड-19 की स्थिति पर सभी मुख्यमंत्री अपने विचार रख सकें बड़ी बैठक की जा रही है। डीडी न्यूज के मुताबिक यह बैठक शाम चार बजे शुरू होगी जो रात 9 बजे के बाद भी जारी रहेगी।  

आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने पर होगी चर्चा
सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन के तीसरे चरण में देश को तीन जोन में बांटने के बाद सरकार ने इन क्षेत्रों में शर्तों के साथ आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की इजाजत दी है। लॉकडाउन में भी ढील दी गई है। पीएम की पिछली बैठक जब हुई थी तो देश में उस समय कोरोना के करीब 28 हजार केस थे। उस समय स्थितियां दूसरी थीं। अब देश में कोरोना के मामले बढ़कर 67 हजार हो गए हैं। देश में शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक कर्फ्यू लागू है। 

आर्थिक मदद मांग सकते हैं राज्य
सरकार के सामने कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की चुनौती है। लॉकडाउन समस्या का हल नहीं है। सरकार कोविड-19 की मौजूदा परिस्थितियों के बीच आगे बढ़ने का फैसला ले सकती है। लॉकडाउन की वजह से राज्यों का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सूत्रों का कहना है कि ऐसे में कई राज्य इस बैठक में केंद्र सरकार से आर्थिक मदद मांग सकते हैं।   

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