- कोकराझार में पीएम मोदी बोले असम समझौते के क्लॉज 6 को जल्द लागू करने का होगा प्रयास
- 'सीएए से किसी भी भारतीय को डरने की जरूरत नहीं'
- बोडो समझौते के बाद असम विकास के रास्ते पर सरपट दौड़ेगा
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के बाद पीएम नरेंद्र मोदी को असम जाना था लेकिन वो नहीं जा सके। पिछले महीने केंद्र सरकार, असम सरकार और बोडोलैंड आंदोलन से संबंधित नेताों के बीच एक समझौता हुआ जिसे असम की जनता के साथ साथ पीएम मोदी ने भी ऐतिहासिक करार दिया था। असम की धरती पर पीएम मोदी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल हताश हो चुके हैं। वो नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ न केवल अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं, बल्कि डंडे से मारने की बात भी करते हैं।
कोकराझार में पीएम मोदी ने कहा कि असम समझौते की धारा 6 के क्रियान्वयन की दिशा में काम हो रहा है। वो असम के सभी लोगों को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि जैसे ही कमेटी इस विषय पर अपना रिपोर्ट पेश करेगी, उन अनुशंसाओं को तेजी से लागू कराया जाएगा। उन्होंने कहा असम की पहचान से किसी तरह का समझौता करने का सवाल ही नहीं है। बोडोलैंड आंदोलन के बारे में बताते हुए कहा कि 1993 और 2003 में दो बार विश्वास जीतने की कोशिश हुई। लेकिन आंशिक कामयाबी मिली थी। लेकिन अब उन्हें उम्मीद है कि असम का हर नागरिक राज्य के विकास में अपना सक्रिय योगदान देगा।
कोकराझार में पीएम मोदी के भाषण के मुख्य अंश
- मैं आज असम के साथियों को आश्वस्त करने आया हूं कि असम विरोधी, देश विरोधी हर मानसिकता और इसके समर्थकों को देश न बर्दाश्त करेगा और न माफ करेगा। यही ताकतें हैं जो पूरी ताकत से असम और नॉर्थ ईस्ट में भी अफवाहें फैला रही हैं कि CAA से यहां बाहर के लोग आ जाएंगे, बाहर से लोग आकर बस जाएंगे। मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि ऐसा भी कुछ नहीं होगा।
- आज आप इतनी बड़ी तादाद में जब आशीर्वाद देने आये हैं, तो मेरा विश्वास और बढ़ गया है। कभी-कभी लोग मोदी को डंडा मारने की बातें करते हैं। जिस मोदी को इतनी बड़ी मात्रा में माताओं-बहनों का सुरक्षा कवच मिला हो, उस पर कितने ही डंडे गिर जाएं, उसको कुछ नहीं होता।
- पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि शंकर देव की जो थाती है हमें उसे आगे बढ़ाना है। बोडोलैंड आंदोलन से जुड़े लोग राष्ट्र की मुख्य धारा में शामिल हुए हैं यह अपने आप में बड़ी जीत है। आज का दिन असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए 21वीं सदी में एक नई शुरुआत, एक नए सवेरे का, नई प्रेरणा का स्वागत करने का है। मैं New India के नए संकल्पों में आप सभी का, शांतिप्रिय असम का, शांति और विकास प्रिय नॉर्थ ईस्ट का स्वागत करता हूं।
- पीएम ने गांधी जी की अहिंसा मार्ग का जिक्र किया। गांधी जी कहते थे कि अहिंसा के मार्ग पर चलकर हमें जो भी प्राप्त होता है वो सभी को स्वीकार होता है। अब असम में अनेक साथियों ने शांति और अहिंसा का मार्ग स्वीकार करने के साथ ही, लोकतंत्र और भारत के संविधान को स्वीकार किया है।
- 21वीं सदी का भारत अब ये दृढ़ निश्चय कर चुका है कि हमें अब अतीत की समस्याओं से उलझकर नहीं रहना है। आज देश मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का समाधान चाहता है।
- जिस नॉर्थ ईस्ट में अपने-अपने Home land को लेकर लड़ाईयां होती थी, अब यहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना मजबूत हुई है।जिस नॉर्थ ईस्ट में हिंसा की वजह से हजारों लोग अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए थे, अब यहां उन लोगों को पूरे सम्मान और मर्यादा के साथ बसने की नई सुविधाएं दी जा रही हैं।
कोकराझार में वो लोगों के बीच में थे। उससे एक दिन पहले लोगों मे मिट्टी के दियों से पूरे कोकराझार को सजा दिया था। पीएम मोदी का इससे पहले राष्ट्रीय खेलों के दौरान जाने का कार्यक्रम था। लेकिन नागरिकता संशोधन कानून के बाद उत्पन्न हालात को देखते हुए दौरा स्थगित कर दिया गया था।