- भारतीयों को बाहर निकालने के प्रयासों में समन्वय के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाएंगे चार मंत्री
- हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और वी के सिंह जाएंगे
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाई लेवल बैठक में लिया गया फैसला
यूक्रेन से भारतीयों को लाने का मिशन तेज हो गया है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल मीटिंग की है। इसमें फैसला लिया गया है कि 4 केंद्रीय मंत्री यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजे जाएंगे। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण रिजिजू और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह भारत के विशेष दूत के रूप में यूक्रेन के पड़ोसी देशों का दौरा करेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोल्दोवा जाएंगे, किरण रिजिजू स्लोवाकिया जाएंगे, हरदीप सिंह पुरी हंगरी जाएंगे और वीके सिंह पोलैंड में यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने का प्रबंधन करेंगे।
यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न एक उच्च स्तरीय बैठक में किया गया। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल समेत कई मंत्री शामिल हुए। मोदी ने रविवार को भी यूक्रेन संकट पर एक बैठक की अध्यक्षता की थी और कहा था कि भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें युद्धग्रस्त देश से बाहर निकालना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। बैठक में यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ सहयोग और बढ़ाने पर भी चर्चा हुई ताकि भारतीय छात्रों को युद्धग्रस्त देश से तेजी से बाहर निकाला जा सके।
वापस लौटे छात्र हुए खुश
भारत यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए यूक्रेन के पास के चार देशों के पास से सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है। ऐसे में भारतीय छात्र रोमानिया पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इसी वजह से रोमानिया और यूक्रेन के बॉर्डर पर बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पहुंच गए हैं जो यूक्रेन का बॉर्डर क्रॉस कर रोमानिया में आने की इजाजत का इंतजार कर रहे हैं। रोमानिया ने भारत के अनुरोध पर छात्रों को बिना वीजा आने की इजाजत दी है। वहीं जंग के बीच यूक्रेन से भारतीय छात्रों का आना जारी है। वतन लौटने के बाद इनके चेहरे की खुशी साफ देखी जा सकती है। भारत लौटे बच्चों का कहना है कि मोदी है तो मुमकिन है और मोदी जी ने सब इतना आसान कर दिया है कि हमें वापसी करने में कोई दिक्कत नही आ रही है।
हजारों बच्चों की वापसी होनी बाकी
हालांकि कुछ बच्चो ने वहां की स्थिति बताई है कि इंडियन एम्बेसी रोमानिया बॉर्डर के बाद हमारी मदद कर पा रही है लेकिन बॉर्डर तक पहुंचने में उन्हें काफी दिक्कतें आई हैं और अभी भी करीब 4000 से ज्यादा लोग यूक्रेन रोमानिया बॉर्डर पर अपनी बारी आने के इंतजार में खड़े हैं। ऑपरेशन गंगा के तहत अबतक 2000 से ज्यादा लोगों की स्वदेश वापसी हो चुकी है, लेकिन अब भी करीब 14 हजार लोग वहां फंसे हैं।
राहुल गांधी ने जताई चिंता
इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार को यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने से जुड़ी अपनी योजना के बारे में उन्हें एवं उनके परिवारों को अवगत कराना चाहिए। उन्होंने यूक्रेन में सैनिकों द्वारा कुछ भारतीय छात्रों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किए जाने से जुड़ा वीडियो भी ट्विटर पर साझा किया। राहुल गांधी ने कहा कि ऐसी हिंसा का शिकार हो रहे भारतीय छात्रों और यह वीडियो देख रहे उनके परिवारों के साथ मेरी सहानुभूति है। किसी भी माता-पिता को इस स्थिति से नहीं गुजरना चाहिए।
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