- नेताजी सुभाष कुछ ठान लेते थे तो फिर उन्हें कोई ताकत रोक नहीं पाती थी: पीएम मोदी
- नेताजी ने हमें स्वाधीन और समप्रभु भारत का विश्वास दिलाया था: मोदी
- पिछले साल देश ने नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाना शुरू किया: पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर इंडिया गेट पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों के सामने झुकने से इनकार कर दिया था। जल्द ही होलोग्राम की प्रतिमा को ग्रेनाइट की भव्य प्रतिमा से बदल दिया जाएगा। नेताजी की प्रतिमा लोकतांत्रिक मूल्यों और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।
उन्होंने कहा कि नेताजी, जिन्होंने हमें स्वाधीन और समप्रभु भारत का विश्वास दिलाया था, जिन्होंने बड़े गर्व, आत्मविश्वास और साहस के साथ अंग्रेजों के सामने कहा था कि मैं स्वतंत्रता की भीख नहीं लूंगा, मैं इसे हासिल करूंगा। ये प्रतिमा आजादी के महानायक को कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि है। पिछले साल देश ने नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। आज इस अवसर पर सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी दिए गए हैं। नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेकर ही इन पुरस्कारों को देने की घोषणा की गई थी।
आपदाओं में हम ज्यादा से ज्यादा जीवन बचाने में सफल रहे: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हमने रिलीफ, रेस्क्यू और पुनर्वास पर जोर देने के साथ ही रिफॉर्म पर भी बल दिया है। हमने NDRF को मजबूत किया, उसका आधुनिकीकरण किया, देश भर में उसका विस्तार किया। टेक्नोलॉजी से लेकर प्लानिंग और मैनेजमेंट तक सर्वोत्तम संभव अभ्यास को अपनाया गया। पहले एक-एक साइक्लोन में सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो जाती थी, लेकिन पिछले दिनों आए साइक्लोन में ऐसा नहीं हुआ। देश ने हर चुनौती का जवाब एक नई ताकत से दिया। इन आपदाओं में हम ज्यादा से ज्यादा जीवन बचाने में सफल रहे। जिन क्षेत्रों में भूकंप, बाढ़ या साइक्लोन का खतरा ज्यादा रहता है, वहां पर पीएम आवास योजना के तहत बन रहे घरों में भी आपदा प्रबंधन का ध्यान रखा जाता है। उत्तराखंड में चारधाम महा परियोजना में भी आपदा प्रबंधन का ध्यान रखा गया है।
'नेताजी को देश पर विश्वास था'
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग देशों के बीच में, सेनाओं के बीच में हमने संयुक्त सैन्य अभ्यास बहुत देखे हैं। लेकिन भारत ने पहली बार डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए ज्वॉइंट ड्रिल की परंपरा शुरू की है। उत्तर प्रदेश में जो नए एक्सप्रेस वे बन रहे हैं, उनमें भी आपदा प्रबंधन से जुड़ी बारीकियों को प्राथमिकता दी गई है। आपात स्थिति में ये एक्सप्रेस वे विमान उतरने के काम आ सकें, इसका भी प्रावधान किया गया है। हमारे सामने आजादी के सौंवे साल से पहले नए भारत के निर्माण का लक्ष्य है। नेताजी को देश पर विश्वास था, उनके ही भावों के कारण मैं कह सकता हूं कि दुनिया की कोई भी ताकत नहीं है जो भारत को इस लक्ष्य तक पहुंचने से रोक सके।
कई लोगों के इतिहास को सीमित करने की कोशिशें हुईं: मोदी
उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव का संकल्प है कि भारत अपनी पहचान और प्रेरणाओं को पुनर्जीवित करेगा। ये दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद देश की संस्कृति और संस्कारों के साथ ही अनेक महान व्यक्तित्वों के योगदान को मिटाने का काम किया गया। स्वाधीनता संग्राम में लाखों-लाख देशवासियों की तपस्या शामिल थी लेकिन उनके इतिहास को भी सीमित करने की कोशिशें हुईं। लेकिन आज आजादी के दशकों बाद देश उन गलतियों को डंके की चोट पर सुधार रहा है, ठीक कर रहा है। ये मेरा सौभाग्य है कि पिछले वर्ष, आज के ही दिन मुझे कोलकाता में नेताजी के पैतृक आवास भी जाने का अवसर मिला था। जिस कार से वो कोलकाता से निकले थे, जिस कमरे में बैठकर वो पढ़ते थे, उनके घर की सीढ़ियां, उनके घर की दीवारें, उनके दर्शन करना, वो अनुभव, शब्दों से परे है। मैं 21 अक्टूबर 2018 का वो दिन भी नहीं भूल सकता जब आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष हुए थे। लाल किले में हुए विशेष समारोह में मैंने आजाद हिंद फौज की कैप पहनकर तिरंगा फहराया था। वो पल अद्भुत है, अविस्मरणीय है।