- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर इंडिया गेट पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया
- 25 फीट की ग्रेनाइट की मूर्ति 5-6 महीने में बनकर तैयार होगी
- होलोग्राम एक डिजिटल तकनीक है, स्थायी मूर्ति बनने तक ये प्रतिमा दिखेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया। नेताजी की ये प्रतिमा देश के महान सपूत के प्रति आभार के प्रतीक के तौर पर लगाई जा गई है। दरअसल इंडिया गेट पर नेताजी की ग्रेनाइट की प्रतिमा लगाई जानी है, लेकिन जब तक ये तैयार नहीं हो जाती तब तक इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा दिखाई देगी।
इंडिया गेट के पास एक छतरी के नीचे मूर्ति स्थापित होगी। पहले छतरी के नीचे जॉर्ज पंचम की मूर्ति थी। जॉर्ज पंचम 1910-1936 तक ब्रिटेन के राजा थे। 1968 में जॉर्ज पंचम की मूर्ति को हटा दिया गया। 1968 के बाद से छतरी के नीचे खाली जगह है। फिलहाल यहां बोस की होलोग्राम मूर्ति स्थापित होगी। 5-6 महीने में स्थायी मूर्ति बनकर तैयार होगी। 25 फीट की ग्रेनाइट की मूर्ति तैयार हो रही है। जेड ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर से मूर्ति बनेगी। सिंगल पीस ग्रेनाइट से प्रतिमा बनेगी। संस्कृति मंत्रालय ने डिजायन तैयार किया है। नेताजी की मूर्ति अद्वैत गडनायक बनाएंगे। अद्वैत राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक हैं।
नेताजी को सम्मान
- इंडिया गेट पर नेताजी की मूर्ति
- मूर्ति का साइज 28x6 फीट होगा
- तेलंगाना में तैयार हो रही है मूर्ति
- अगस्त तक तैयार हो जाएगी मूर्ति
- इंडिया गेट पर हर कोने से दिखेगी मूर्ति
- ग्रेनाइट की बनेगी नेताजी की भव्य प्रतिमा
- मूर्ति तैयार होने तक दिखेगा 3D होलोग्राम
किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है नेताजी का जीवन, मौत आज भी है रहस्य
क्या है होलोग्राम प्रतिमा?
- होलोग्राम या होलोग्राफी एक डिजिटल तकनीक है
- तकनीक प्रोजेक्टर की तरह काम करती है
- किसी चीज को 3D आकार दिया जाता है
- किसी भी चीज के असली होने का भ्रम देती है
- स्टेटिक किरणों के जरिए पेश किया जाता है
- कुछ दूरी से देखने पर प्रतिमा के होने का एहसास