नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉ बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा विमोचन कर दिया है। पीएम मोदी प्रवर ग्रामीण शिक्षा सोसाइटी का नाम बदल कर लोकनेत डॉ बालासाहेब विखे पाटिल रूरल एजुकेशन सोसाइटी भी किया। पाटिल ने कई बार लोकसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया। उनकी आत्मकथा का शीर्षक है दे वीचवा करणी इसका अर्थ है कि एक नेक काम के लिए जीवन समर्पित करना’।
इसे उपयुक्त रूप से नामित किया गया है क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन कृषि और सहकारी समितियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने पथ-ब्रेकिंग कार्य के माध्यम से समाज के लाभ के लिए समर्पित कर दिया है।ग्रामीण जनता को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने और बालिकाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 1964 में अहमदनगर जिले के लोनी में प्रवर ग्रामीण एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की गई थी। वर्तमान में समाज छात्रों के शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास के मुख्य मिशन के साथ काम कर रहा है।