- औरंगजेब की मजार को पुलिस सुरक्षा
- बीजेपी ने उद्धव ठाकरे सरकार के फैसले की आलोचना की
- हनुमान चालीसा का पाठ राजद्रोह और मजार की सुरक्षा राज शिष्टाचार
मुगल काल में वैसे तो कई शहंशाह रहे। लेकिन अकबर और औरंगजेब दो ऐसे नाम है जो खास तौर इतिहासकारों के पसंदीदा विषय रहे हैं।अकबर की ही तरह औरंगजेब ने करीब 49 साल शासन किया। लेकिन औरंगजेब के कालखंड में तमाम ऐसी घटनाएं हुईं जो आज भी विवाद के केंद्र में है। वाराणसी का ज्ञानवापी मसला सुर्खियों में है तो औरंगजेब की मजार भी सुर्खियों में हैं। जिस औरंगजेब के नाम से लोग थर थर कांपते थे उस औरंगजेब की मजार को सुरक्षा मुहैया कराने की जरूरत आन पड़ी। हाल ही में जब एमएनएस ने औरंगजेब की मजार को तोड़ने की धमकी दी तो उद्धव ठाकरे सरकार ने पुलिसिया सुरक्षा मुहैया करायी है जिसकी आलोचना बीजेपी के कद्दावर नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने की।
देवेंद्र फडणवीस ने कोसा
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यही तो महाराष्ट्र में हो रहा है जो लोग हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं उनके खिलाफ राजद्रोह का केस चल रहा है और मजार पर मत्था टेकना राजशिष्टाचार है। इस तरह की मानसिकता के साथ शासन कैसे किया जा सकता है। शिवसेना तो बाला साहेब ठाकरे के आदर्शों को कुर्सी के खातिर पहले ही भुला चुकी है।
एमएनएस ने दी थी धमकी
महाराष्ट्र सरकार ने औरंगाबाद में औरंगजेब के मकबरे को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की है। एमएनएस के प्रवक्ता गजानन काले ने ट्वीट कर औरंगजेब की कब्र को जमींदोज करने की बात कही थी, महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर विवाद के बाद राज्य की राजनीति गर्माई हुई है।महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रवक्ता गजानन काले ने एक ट्वीट में लिखा कि शिवाजी की भूमि पर औरंगजेब के कब्र की क्या जरूरत है? जमींदोज किया जाए ताकि इनकी औलादें यहां माथा टेकने नहीं आएंगी।
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