- यूपी में मदरसा सर्वे पर सियासत
- सर्वे से ओवैसी-बर्क को आफत
- विपक्ष कर रहा सरकार की मुखालफत
उत्तर प्रदेश में मदरसों का सर्वे हो रहा है। योगी सरकार फर्जी मदरसों को छांट-छांट कर एक्शन ले रही है। सरकार का साफ मकसद ये है कि मदरसों का सर्वे कर प्रदेश में सिर्फ मजहबी शिक्षा के बजाय आधुनिक शिक्षा भी बच्चों को मिल सके लेकिन मुस्लिमों के रहनुमा कहे जाने वाले कुछ नेताओं को इससे परेशानी हो रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या मुस्लिमों को डराने की राजनीति हो रही है? क्या कुछ सियासतदां अपनी सियासी जमीन खिसकने के डर से ऐसा कर रहे हैं?
मुसलमानों का डराने की कोशिश- बर्क
AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बाद अब समाजवादी पार्टी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने मदरसा सर्वे पर सवाल उठाए हैं। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का कहना है कि 'बीजेपी सरकार डराना चाहती है। मदरसों का सर्वे करने के बहाने मुसलमानों को खौफजदा कर रही है क्योंकि सरकार को मुस्लिम तालीम पसंद नहीं है'। बर्क ने ये भी कहा कि मदरसों को तोड़ने नहीं बल्कि संरक्षण करने की जरूरत है।
कहीं सर्वे का समर्थन, कहीं विरोध
बर्क के मुताबिक बीजेपी सरकार मुसलमानों को डराना चाहती है लेकिन मुसलमानों के लिए काम करने वाली एक बड़ी संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी समेत कई मुस्लिम समुदाय के लोग पहले ही सर्वे का समर्थन कर चुके हैं। मदनी का कहना है कि 'अब तक मदरसों का जो सर्वे हुआ है वो सही तरीके से हुआ है। सर्वे में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं दिखी है'। हालांकि उन्होंने सरकारी जमीनों पर बने मदरसों के संचालकों को हिदायत दी है कि अगर ऐसा है तो उन मदरसों को खुद ही तोड़ दें।
मदरसों में जांच क्यों हो रही ?
जिस बात को लेकर सियासत हो रही है उस सर्वे को भी जान लीजिए कि आखिर मदरसों के सर्वे में प्रशासन क्या चेक कर रहा है ?
1. क्या मदरसे से जुड़े आर्थिक दस्तावेज ठीक हैं?
2. मदरसों के लिए फंडिंग कहां-कहां से होती है?
3. किसी गलत तरीके से तो पैसे नहीं आ रहे?
4. दुश्मन देश या विदेशी फंडिंग तो नहीं मिल रही?
5. क्या फंडिंग का इस्तेमाल सही तरीके से हो रहा है?
सर्वे के बाद क्या एक्शन?
जो इन मानदंडों को पूरा नहीं करेंगे उन मदरसों पर एक्शन लेने के लिए भी पूरा खाका तैयार किया गया है। यूपी के जो मदरसे प्रशासनिक जांच में खरे नहीं उतरते उन पर कार्रवाई होगी।
1. शर्त पूरी करने वाले मदरसों को मान्यता मिलेगी
2. सभी मदरसों का सरकारी रिकॉर्ड बनेगा
3. शर्ते पूरी नहीं करने वाले मदरसे बंद होंगे
4. गड़बड़ी मिली तो कानून के तहत कार्रवाई होगी
ये सर्वे नहीं मिनी एनआरसी- ओवैसी
सरकार का दावा है कि कानून के तहत ही मदरसा सर्वे की प्रक्रिया हो रही है लेकिन ओवैसी को इस सर्वे में मिनी एनआरसी नजर आने लगा है। ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए ये आरोप लगाया है कि 'संविधान के तहत हमें मदरसा खोलने का अधिकार है ऐसे में सरकार कौन होती है उन्हें बंद करने वाली ? सरकार तो अब पिछले 4 साल से कई मदरसों को आर्थिक मदद भी नहीं दे रही है। ऐसे में सर्वे क्यों किया जा रहा है। सर्वे नहीं ये एक तरह से छोटा एनआरसी है'। इससे पहले भी ओवैसी ने कहा था कि 'सरकार सिर्फ मदरसों का ही क्यों सर्वे करा रही है,संघ के स्कूलों और मिशनरी स्कूलों में सर्वे क्यों नहीं कराती?'
राजनीतिक जमीन खिसकने का डर?
ओवैसी हो या समाजवादी पार्टी मुस्लिमों में इनका जनाधार है। ऐसे में अगर मुस्लिमों से जुड़ा कोई मुद्दा आता है तो ये मुखर होते हैं। इसके पीछे शायद इन पार्टियों को डर है अपनी राजनीतिक जमीन खिसकने का। क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस अक्सर ओवैसी पर मुस्लिमों को बरगला कर सियासत करने का आरोप लगाती हैं। अखिलेश यादव की पार्टी के भी कई नेता मुस्लिम समुदाय को रिप्रेजेंट करते हैं। शफीकुर्रहमान समाजवादी पार्टी से सांसद हैं। अखिलेश यादव और सपा के सियासी समीकरण भी 'मुस्लिम+यादव' फैक्टर पर आधारित माने जाते हैं। ऐसे में जिन पार्टियों की राजनीति ही मुसलमानों पर जिंदा है। ऐसे में सवाल उठता है कि सर्वे पर सियासी कुतर्क क्यों किए जा रहे हैं। क्या डर दिखाकर राजनीति की जा रही है? सियासत की वजह से मुस्लिम बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ तो नहीं होना चाहिए।