- सीबीआई ने पिछले 5 साल में 44 आईएएस और 12 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं।
- ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल -2021 की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के भ्रष्ट देशों (180 देश) में भारत का 85 वां स्थान है।
- पिछले 5 साल में 43 आईएएस और 17 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ केंद्र सरकार ने कार्रवाई की है।
IAS Pooja Singhal Arrested: देश में एक बार फिर ब्यूरोक्रेसी में फैले भ्रष्टाचार का मामला चर्चा में है। इस बार झारखंड की उद्योग एवं खान सचिव पूजा सिंघल, चर्चा की वजह बनी हैं। सीनियर आईएस ऑफिसर पूजा सिंघल को को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार शाम गिरफ्तार कर लिया। सिंघल को आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसके पहले उनके सीए सुमन कुमार सिंह के घर से 19 करोड़ रुपये के कैश बरामदगी हुई है। ईडी की कार्रवाई में करीब 200 करोड़ रुपये के निवेश से जुड़े कागजात भी बरामद किये गये हैं। एक आईएस अधिकारी के पास इतनी अकूत संपत्ति होना चौकाने वाली बात है। क्योंकि वह अपने 30-35 साल के करियर में सैलरी के दम पर कभी भी इतनी संपत्ति अर्जित नहीं कर सकता है। जाहिर है कि काली कमाई भ्रष्टाचार के जरिए आई है।
असल में पूजा सिंघल को मामला उस भ्रष्ट सिस्टम का एक मामला है, जिसका इस बार खुलासा हुआ है। लेकिन अगर पुराने रिकॉर्ड देखे जाएं तो पिछले छह साल में 3464 शिकायतें आईएएस अधिकारियों के खिलाफ वित्तीय और आपराधिक मामलों के तहत प्राप्त हुई हैं। अहम बात यह है कि शिकायतों के मामले हर साल बढ़ते गए हैं। मसलन जहां 2015-2016 में 380 आईएएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई। वह 2019-20 में करीब दोगुनी होकर 753 तक पहुंच गई।
क्या कहते हैं आंकड़े
कार्मिक , लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा 10 मार्च 2021 को लोकसभा में दिए गए जवाब के अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 से फरवरी 2021 तक आईएएस अधिकारियों के खिलाफ वित्तीय और आपराधिक मामलों के तहत कुल 3464 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसके सीबीआई द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इस अवधि में 44 आईएएस और 12 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। जबकि इस अविध में 43 आईएएस और 17 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ केंद्र सरकार ने कार्रवाई की है।
साल | आईएएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें |
2020-21 (फरवरी 2021 तक) | 581 |
2019-20 | 753 |
2018-19 | 643 |
2017-2018 | 623 |
2016-2017 | 484 |
2015-2016 | 380 |
भ्रष्टाचार इंडेक्स में दुनिया में 85 वां स्थान
भारत में भ्रष्टाचार किस तरह व्याप्त है, इसकी बानगी ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल (Transparency International) रिपोर्ट 2021 भी करती है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के भ्रष्ट देशों (180 देश) में भारत का 85 वां स्थान है। ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल भ्रष्टाचार के तहत घूस, सार्वजनिक राशि का दुरूपयोग, अधिकारियों द्वारा अपने पद का दुरूपयोग, सरकारी क्षेत्र में भ्रष्टाचार को रोकने में सरकार की क्षमता, सिविल सेवाओं में भाई-भतीजा वाद आदि पैमानों के आधार पर रैकिंग तैयार करती है।
अब तक क्या हुई कार्रवाई
क्या हुई कार्रवाई | कितने IAS के खिलाफ कार्रवाई | कितने IPS के खिलाफ कार्रवाई |
अभियोजन की मंजूरी | 26 | 3 |
सेवा से बर्खास्तगी | 2 | 2 |
अनिवार्य सेवानिवृत्ति | 1 | 1 |
वेतन के निचले स्तर पर अवनति | 1 | |
पेंशन में कटौती | 2 | 10 |
पेंशन पर रोक | 11 | |
निंदा | 1 |
लंबी है फेहरिस्त
ऐसा नही है कि भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना केवल पूजा सिंघल ही कर रही है। इस फेहरिस्त में कई अधिकारी हैं, जिन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ा है। और कई को तो जेल की हवा भी खानी पड़ी है। साल 1996 में उत्तर प्रदेश आईएएस एसोसिएशन ने अपने एक सर्वेक्षण में अखंड प्रताप सिंह को कथित रूप से सबसे भ्रष्ट आईएएस अधिकारी बताया था। हालांकि उनको सत्ता का वरदहस्त हासिल रहा है। लेकिन रिटायरमेंट के बाद उन्हें सीबीआई जांच का सामना करना पड़ा।
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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। नोएडा भूमि आवंटन घोटाले मामले नीरा यादव को 2012 में सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया था। और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा को अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने दो साल की जेल की सजा को बरकरार रखा। छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी बाबूलाल अग्रवाल के खिलाफ ईडी ने कार्रवाई की थी। उस वक्त वह कृषि विभाग के सचिव के पद पर कार्यरत थे। उनके खिलाफ भी भ्रष्टाचार के आरोप पर कार्रवाई हुई। इसी तरह एसीबी ने साल 2016 में आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के परिवहन आयुक्त ए मोहन के पास से अकूत संपत्ति होने का केस दर्ज किया था।