- देश के कई राज्यों में बिजली की भीषण कटौती
- विपक्ष ने कोयले के संकट का आरोप लगाया
- सरकार का बयान देश में कोयले की कमी नहीं
देश इस समय भीषण बिजली संकट का सामना कर रहा है। यूपी समेत 13 राज्यों में बिजली की कटौती की जा रही है। विपक्ष की सरकारें कोयले के संकट का आरोप लगा रही हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि कोयले की कमी नहीं है। कोल इंडिया समेत देश में 70 से 80 दिन का स्टॉक है। लेकिन कटौती जारी है। इन सबके बीच पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि जो सरकार हर चीज के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराती है भला वो इसके लिए कैसे हमें बख्श देगी।
चिदंबरम ने साधा निशाना
प्रचुर मात्रा में कोयला, बड़े रेल नेटवर्क, ताप संयंत्रों में अप्रयुक्त क्षमता। फिर भी, बिजली की भारी कमी है, मोदी सरकार को दोष नहीं दिया जा सकता है। यह कांग्रेस के 60 साल के शासन के कारण है!कोयला, रेलवे या बिजली मंत्रालयों में कोई अक्षमता नहीं है। दोष उक्त विभागों के पूर्व कांग्रेसी मंत्रियों का है! सरकार ने इसका सटीक समाधान खोजा है: यात्री ट्रेनों को रद्द करें और कोयले के रेक चलाएँ! मोदी है, मुमकिन है।
कोयले का पर्याप्त भंडार
देश के कई राज्यों में उपजे बिजली संकट पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को कहा कि बिजली ताप संयंत्रों में 21.5 मिलियन टन कोयले का स्टॉक मौजूद है। कोयले को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। हम स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दादरी की 11 यूनिटों एवं ऊंचाहार बिजली संयंत्र अपनी पूरी क्षमता के साथ चल रहे हैं। यहां 2.3 लाख टन कोयले का भंडार है जिसे रोजाना भरा जा रहा है। जबकि कोयला कंपनियों के पास करीब 73 मिलियन टन कोयले का भंडार है। देश भर में 7 से 10 दिनों तक जो भी कोयला का भंडार है, उन सभी कारखानों को रोजाना भरा जा रहा है।