नई दिल्ली: दिवंगत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी कांग्रेस छोड़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए हैं। जंगीपुर से कांग्रेस के पूर्व सांसद की पिछले कुछ हफ्तों से टीएमसी नेतृत्व के साथ बातचीत चल रही थी। अभिजीत मुखर्जी ने पिछले महीने कोलकाता में अभिषेक बनर्जी से भी मुलाकात की थी। अभिजीत बनर्जी के टीएमसी में शामिल होने के कुछ क्षण बाद उनकी बहन शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्विटर पर लिखा- SAD!!! लोकसभा में टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने 'ममता बनर्जी जिंदाबाद' के नारों के बीच अभिजीत का पार्टी में स्वागत किया।
इस मौके पर अभिजीत मुखर्जी ने कहा, 'दीदी पश्चिम बंगाल में भाजपा के रथ को रोकने में सफल रहीं। वह देश की सबसे विश्वसनीय धर्मनिरपेक्ष नेता हैं जो सांप्रदायिक भाजपा से लड़ सकती हैं और उसे हरा सकती हैं। मैं एक कांग्रेस को छोड़कर दूसरी कांग्रेस में शामिल हो गया। हम भविष्य में पूरे भारत में भगवा खेमे का विरोध करने के लिए निश्चित हैं।' उन्होंने कहा कि मैं किसी पद के लिए लालायित नहीं हूं। मैं एक जमीनी कार्यकर्ता के रूप में काम करता हूं और यह पार्टी को तय करना है कि मुझे कैसे इस्तेमाल करना है। मेरे पास कांग्रेस में कोई पद नहीं था।
राजनीति में अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए मुखर्जी ने कहा कि वह 2011 के ऐतिहासिक विधानसभा चुनावों में बीरभूम जिले के नलहाटी निर्वाचन क्षेत्र से जीत का श्रेय लेने के हकदार नहीं है और उनकी जीत ममता बनर्जी की लहर के कारण हुई थी जिन्होंने राज्य से वाम मोर्चा सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था।
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अपनी बहन शर्मिष्ठा मुखर्जी के सियासी झुकाव के बारे में उन्होंने कहा, 'वह एक स्वतंत्र व्यक्ति हैं। यह हमेशा से हमारे परिवार की परंपरा रही है। मेरे पिता ने कभी भी कांग्रेस में शामिल होने के लिये मुझ पर प्रभाव का उपयोग नहीं किया।'