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Nirbhaya Case: राष्ट्रपति ने मुकेश की दया याचिका की खारिज, गृह मंत्रालय ने भेजी थी फाइल

Updated Jan 17, 2020 | 12:40 IST

निर्भया केस के आरोपियों को अब फांसी पर लटकाने का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रपति के पास भेजी गई आरोपी मुकेश की दया याचिका खारिज हो गई है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
Nirbhaya Case: राष्ट्रपति ने मुकेश की दया याचिका की खारिज
मुख्य बातें
  • निर्भया मामले के एक दोषी मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया खारिज
  • गृह मंत्रालय ने मुकेश की दया याचिका गुरुवार रात भेजी थी राष्ट्रपति भवन
  • 7 जनवरी को चारों के खिलाफ कोर्ट ने जारी किया था डेथ वॉरंट

नई दिल्ली: निर्भया केस में बड़ी खबर सामने आ रही है। गृह मंत्रालय द्वारा आरोपी मुकेश की जो दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी गई थी उसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है। चार दोषियों को 22 जनवरी को फांसी होनी है। इस मामले में आज ही डेथ वारंट पटियाला कोर्ट में सुनवाई होनी है। इससे पहले गृह मंत्रालय ने गुरुवार शाम ही अपनी नोटिंग के साथ राष्ट्रपति को मुकेश की याचिका भेज दी थी और कहा था कि इसे खारिज किया जाए।

इससे पहले विनय शर्मा ने भी राष्ट्रपति के पास दया याचिका खारिज करने की अपील की थी लेकिन बाद में उसने याचिका को वापस ले लिया था। इससे पहले राष्ट्रपति के पास मुकेश की दया याचिका लंबित होने के कारण गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती है। पटियाला हाउस कोर्ट ने ही 7 जनवरी को चारों दोषियों, मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर के खिलाफ डेथ वॉरंट जारी किया था और 22 जनवरी को फांसी की सजा देने की तारीख मुकर्रर की थी।

वहीं तिहाड़ जेल प्रशासन फांसी देने संबधी तैयारियों में जुटा है बताया जा रहा है कि गुरुवार को चारों दोषियों को तिहाड़ की तीन नंबर जेल (Tihar Jail No-3) में शिफ्ट कर दिया गया है, चारों दोषियों को वहां अति सुरक्षित सेल में अलग-अलग रखा गया है। 

चारों दोषियों ने 16 दिसंबर, 2012 की रात को देश की राजधानी दिल्ली में एक चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया के साथ वीभत्स तरीके से बलात्कार किया और फिर मारपीट के बाद निर्भया को अधमरा कर दिया। पीड़िता का काफी दिन तक दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चला और बाद में सिंगापुर के एक निजी अस्पताल में निर्भया ने दम तोड़ दिया। कोर्ट ने आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई थी। 

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