- स्वतंत्रा दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र को संबोधित किया
- राष्ट्रपति कोविंद ने इस दौरान स्वाधीनता सेनानियों के प्रति कृतज्ञता जताई
- अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति ने गलवान के शहीदों को भी सैल्यूट किया
नई दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को देश को संबोधित किया। उन्होंने देशवासियों को 74वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं तो यह भी याद दिलाया कि हमें अपने उन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के प्रति कृतज्ञ रहने की आवश्यकता है, जिनके बलिदान और त्याग के कारण ही आज हम सभी एक स्वतंत्र देश के बाशिंदे हैं। इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि आज पूरा देश गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को सैल्यूट करता है।
गलवान के शहीदों को नमन!
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सैनिकों की वीरता ने दिखाया कि भारत आक्रमण के किसी भी प्रयास का जवाब देने में सक्षम है। चीन का नाम लिए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'आज जब पूरी दुनिया मानवता के समक्ष मौजूद सबसे बड़ी चुनौती (कोरोना वायरस) से एकजुट होकर संघर्ष कर रही है, हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया। पूरा देश आज गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है।'
कोरोना से जंग के असली योद्धा
राष्ट्रपति कोविंद ने इस दौरान कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में डॉक्टर्स, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों का का आभार जताते हुए कहा कि पूरा देश उनका ऋणी है, जो कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे हैं। महामारी से लड़ते हुए इनमें से कई लोगों की जान चली गई। वास्तव में वे हमारे राष्ट्र के आदर्श सेवा योद्धा हैं, जिनकी जितनी भी सराहना की जाए, कम है।
इससे पहले संबोधन की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि इस साल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण स्वतंत्रता दिवस का उत्सव धूमधाम से नहीं मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को हम सभी तिरंगे को लहराते हुए स्वाधीनता दिवस समारोह में भाग लेकर और देशभक्ति से भरे गीत सुनकर उत्साह से भर जाते हैं। हमारे युवाओं के लिए यह स्वाधीनता के गौरव को महसूस करने का दिन है। इस अवसर पर हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं।